Muzaffarnagar महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर, 26 फरवरी को, चलो अमरनाथ शिव सेवक ट्रस्ट मुजफ्फरनगर द्वारा श्री ओमकारेश्वर महादेव मंदिर, कमलनगर कूकड़ा से भगवान महादेव की भव्य बारात निकाली जाएगी। यह आयोजन धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता की उम्मीद है।
शोभायात्रा का मार्ग और विशेषताएँ:
शोभायात्रा की शुरुआत कमलनगर कूकड़ा स्थित ओमकारेश्वर मंदिर से होगी। मंदिर के संस्थापक विनोद कुमार, पंडित कृष्णानंद चौबे, और मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि यह बारात कूकड़ा ब्लॉक, बालाजी रोड, पोस्ट ऑफिस, गुलशन राय धर्मशाला वाली गली, चौड़ी गली बिजली घर, गौशाला रोड, माड़ी की धर्मशाला वाला चौराहा, पीठ बाजार, नई मंडी थाना, जानसठ अड्डा, एटूजेड रोड, परिक्रमा मार्ग, और अलमासपुर चौराहे से होते हुए देर शाम मंदिर पर सम्पन्न होगी।
भव्य झांकियाँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
समिति के सचिव सूरज प्रताप एडवोकेट और प्रदीप कुमार ने बताया कि महादेव की बारात में 7 आकर्षक झांकियाँ, बैण्ड, 7 डीजे, और भगवान महादेव का रथ शामिल होंगे। विशेष रूप से, उज्जैन की महाकाल की पालकी यात्रा और अघोरी यात्रा का आयोजन भी इस बारात का मुख्य आकर्षण होगा। यह आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा और भगवान शिव की महिमा का गुणगान करेगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएँ:
बारात के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर जलपान की व्यवस्था की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। समिति ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वे इस आयोजन में सहयोग करें और अपने-अपने स्थानों पर स्वागत द्वार, तोरण, और रंगोली बनाकर वातावरण को और भी पावन बनाएं।
प्रेस वार्ता में उपस्थित गणमान्य:
इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में सुरेश सैनी, दीपक चौधरी, संदीप मित्तल, दिनेश पाल, महेश सैनी, नवीन ऐरन, संजीव पाल, इन्द्रपाल सैनी, भारत भूषण, सतीश कुमार, रमेश पाल, सतीश सैनी, गौरव मित्तल, नरेश पालीवाल, अंशुल, जयकुमार, मयंक शर्मा, गणेश प्रसाद, रजत सैनी, विशू, सहेन्द्र सैनी, विपिन, सुबोध, सतीश पाल, रवि सिरोही, सुनील पंवार, डॉ. कृष्णपाल, डॉ. सन्तराम, रोहित पाल, विकास पाल, और सुरेन्द्र पाल सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महाशिवरात्रि: आध्यात्मिक महत्त्व और परंपराएँ
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं, मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं, और रात्रि जागरण करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती से हुआ था, और इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मुजफ्फरनगर में महाशिवरात्रि का उत्सव:
मुजफ्फरनगर में महाशिवरात्रि का पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। शहर के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। चलो अमरनाथ शिव सेवक समिति द्वारा आयोजित यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख आयोजनों में से एक है, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का संदेश भी देती है।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन:
शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। पुलिस बल की तैनाती, मार्गों पर बैरिकेडिंग, और ट्रैफिक डायवर्जन की योजनाएँ बनाई गई हैं, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से सम्पन्न हो सके। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सहयोग करें।
समिति की अपील:
चलो अमरनाथ शिव सेवक समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस भव्य शोभायात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें। साथ ही, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर प्लास्टिक का उपयोग न करने और स्वच्छता बनाए रखने का अनुरोध भी किया है।
आयोजन की तैयारी और सहयोग:
इस महाशिवरात्रि शोभायात्रा की तैयारी में समिति के सदस्यों, स्थानीय निवासियों, और विभिन्न सामाजिक संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान है। सभी ने मिलकर मार्ग की सफाई, सजावट, और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग किया है। विशेष रूप से, युवाओं ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जो समाज में सकारात्मक ऊर्जा और एकता का प्रतीक है।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा:
ऐसे आयोजनों से न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु मुजफ्फरनगर की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों से परिचित होते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।
समाज में सद्भावना का संदेश:
महाशिवरात्रि की यह शोभायात्रा समाज में सद्भावना, एकता, और भाईचारे का संदेश देती है। विभिन्न समुदायों के लोग मिलकर इस आयोजन को सफल बनाते हैं, जो सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण है। भगवान शिव की आराधना के माध्यम से लोग अपने मन में शांति, प्रेम, और करुणा का संचार करते हैं।
भविष्य की योजनाएँ:
चलो अमरनाथ शिव सेवक समिति ने भविष्य में भी ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को जारी रखने का संकल्प लिया है। समिति का उद्देश्य समाज में धार्मिक चेतना का प्रसार करना, युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना