पुरकाजी। (Muzaffarnagar News)। एक भयावह घटना ने मुजफ्फरनगर के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव हरिनगर जबलपुर में सनसनी फैला दी है। यहां एक कोल्हू पर काम कर रहे एक मजदूर की उबलते हुए गन्ने के रस में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया, और परिवार वालों के साथ-साथ ग्रामीण भी सदमे में हैं।
क्या हुआ था?
जानकारी के मुताबिक, गांव के एक कोल्हू पर काम कर रहे 38 वर्षीय मजदूर शौकेन्द्र उर्फ शौकी (पुत्र जसवीर) मशीन पर काम करते हुए अचानक पैर फिसलने की वजह से उबलते हुए गन्ने के रस के कढ़ाव में जा गिरा। गर्म रस में गिरते ही वह बुरी तरह झुलस गया। हादसे को देखते ही वहां मौजूद अन्य मजदूरों और कोल्हू संचालक के होश उड़ गए।
अस्पताल में मौत की पुष्टि
घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत शौकेन्द्र को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों के मुताबिक, शरीर के अधिकांश हिस्से में गंभीर जलन होने के कारण उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने कार्रवाई शुरू की
मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है, और कोल्हू संचालक से पूछताछ की जा रही है।
गांव में शोक की लहर
इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है। शौकेन्द्र के परिवार वाले सदमे में हैं, जबकि ग्रामीणों ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर कारखानों और छोटे उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता खड़ी कर गई है। अक्सर ऐसी जगहों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, जिसके चलते ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।
क्या कहता है कानून?
भारतीय श्रम कानून के तहत, कार्यस्थल पर मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मालिक की जिम्मेदारी होती है। लेकिन छोटे उद्योगों में अक्सर इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। इस घटना के बाद अब प्रशासन की तरफ से कोल्हू और अन्य छोटे उद्योगों की सुरक्षा जांच की मांग उठने लगी है।
परिजनों का गुस्सा
शौकेन्द्र के परिजनों का कहना है कि अगर कोल्हू पर सुरक्षा का ध्यान रखा गया होता, तो यह हादसा नहीं होता। उन्होंने मृतक के लिए न्याय और मुआवजे की मांग की है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन अक्सर ऐसे छोटे उद्योगों पर नजर नहीं रखता, जिसके कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।
यह दुर्घटना न सिर्फ एक मजदूर की जान ले गई, बल्कि उसके परिवार को भी तबाह कर दिया। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर यह केस भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?