Muzaffarnagar। कला प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अवसर! डीएवी डिग्री कॉलेज के डॉ. पी.सी. बरूआ आर्ट गैलरी में आयोजित भव्य चित्र प्रदर्शनी में दर्शकों का तांता लगा रहा। कलांगन सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी ने न केवल शहर के कला प्रेमियों बल्कि दूर-दूर से आए दर्शकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया।
तीसरे दिन भी इस कला प्रदर्शनी में स्थानीय नागरिकों, छात्रों, कला समीक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों की भारी भीड़ उमड़ी। अंतरराष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों की कलाकृतियों ने इस प्रदर्शनी में जान फूंक दी। मानव मन के गहरे भावों को उजागर करती राम विरंजन की कृति प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण बनी। उनकी पेंटिंग ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि मानव मन कितने ही अंतर्द्वंद्वों से गुजरता है।
दिल्ली के प्रसिद्ध मूर्तिकार एवं चित्रकार सुरेश कुमार की पेंटिंग भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गई। उनकी कलाकृति ने रंगों और रूपों के माध्यम से एक अनोखी दुनिया को साकार किया। इसी कड़ी में राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कला विशेषज्ञ डॉ. रामशब्द सिंह की “बनारस के घाट” पर आधारित कलाकृति भी चर्चा का विषय बनी। उन्होंने अपनी चित्रकला में वाराणसी के घाटों की खूबसूरती और आध्यात्मिकता को इस प्रकार उकेरा कि दर्शकों को एक क्षण के लिए लगा मानो वे स्वयं वहां उपस्थित हों।
छात्रों की कला भी बनी आकर्षण का केंद्र
प्रदर्शनी में न केवल अनुभवी कलाकारों ने अपनी छाप छोड़ी बल्कि डीएवी डिग्री कॉलेज के कला विभाग के छात्रों की प्रतिभा भी खुलकर सामने आई। छात्रों ने मिक्स मीडिया, पेंसिल, चारकोल, एक्रेलिक और तेल चित्रकला जैसी विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए बेहतरीन कृतियों का निर्माण किया।
विशेष रूप से एसडी कॉलेज के चित्रकला विभाग के अध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार द्वारा बनाया गया अमूर्त चित्र दर्शकों के लिए रहस्य और गहरे मनोभावों को समझने का माध्यम बना। कला समीक्षकों ने उनकी कृति को “मन की गहराइयों में उतरने वाली कृति” करार दिया।
भविष्य के कलाकारों को मंच देने की पहल
गैलरी के निदेशक प्रोफेसर वेदपाल सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी को लेकर शहर के विभिन्न स्कूलों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा,
“हमें खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र और कला प्रेमी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बन रहे हैं। यह कला के प्रति नई पीढ़ी की रुचि को बढ़ावा देने का बेहतरीन अवसर है।”
डीएवी कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर गरिमा जैन ने भी इस प्रदर्शनी की सराहना की और बताया कि 21 फरवरी से कॉलेज में यूथ वीक “उल्लास” की शुरुआत हो रही है, जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान भी यह चित्र प्रदर्शनी दर्शकों के लिए खुली रहेगी, ताकि अधिक से अधिक छात्र कला के प्रति अपनी रुचि को विकसित कर सकें।
महान कलाकारों का संगम और शहर की सांस्कृतिक धरोहर
यह प्रदर्शनी केवल एक साधारण आयोजन नहीं है, बल्कि यह मुजफ्फरनगर जैसे शहर को कला के क्षेत्र में एक नई पहचान देने का प्रयास है। यहां हर कलाकार की कृति अपने आप में एक अनूठी कहानी कहती है। कला प्रेमियों के लिए यह अवसर दुर्लभ है क्योंकि उन्हें एक ही स्थान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों की कृतियों को देखने और समझने का मौका मिल रहा है।
इस आयोजन को सफल बनाने में प्रोफेसर विपिन जैन, अरुण कुमार, डॉ. प्रभा सिंह, सीमा त्यागी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, विभाग के शिक्षक शिवानी और अंजुम इदरीसी तथा विद्यार्थियों मीनाक्षी, तान्या, कार्तिक, अभिषेक, वर्षा, अमृता, मानसी आदि ने भी इस भव्य प्रदर्शनी को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।
कला प्रेमियों को अनमोल उपहार: अवश्य करें अवलोकन!
यदि आप भी कला के दीवाने हैं और चित्रकला की अद्भुत दुनिया में खो जाना चाहते हैं, तो यह प्रदर्शनी आपके लिए ही है! यहां आकर आप न केवल महान कलाकारों की कृतियों को देख सकते हैं बल्कि युवा कलाकारों की नई सोच और कल्पना शक्ति का भी अनुभव कर सकते हैं।
मुजफ्फरनगर की इस भव्य चित्र प्रदर्शनी ने यह सिद्ध कर दिया कि कला का जुनून किसी एक स्थान तक सीमित नहीं होता। यह एक संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का संगम है, जो कलाकारों की कल्पना को साकार करने का मंच प्रदान करता है।