मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) ।जिले में पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाकर अंतरराज्यीय पशु तस्करी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जिले के खालापार थाना क्षेत्र में स्थित काली नदी पुल के पास हुई, जहां गुरुवार रात पुलिस और आरोपी के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में आरोपी गुफरान घायल हो गया, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई को पुलिस ने एसएसपी संजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में अंजाम दिया। एसएसपी वर्मा की अगुवाई में पुलिस टीम ने इस मुठभेड़ को एक रणनीतिक ऑपरेशन क्लीन के तहत अंजाम दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक टाटा 407 वाहन का इस्तेमाल पशु तस्करी के लिए किया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने खालापार थाना क्षेत्र में वाहन की घेराबंदी करने की योजना बनाई।

ऑपरेशन क्लीन: पुलिस की सख्त कार्रवाई

पुलिस को जब यह जानकारी मिली कि टाटा 407 वाहन के जरिए पशुओं की तस्करी हो रही है, तो पुलिस ने पूरी तरह से योजना बनाकर इस पर कार्रवाई शुरू की। रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए, पुलिस ने काली नदी पुल के पास घेराबंदी की और वाहन को रुकने का इशारा किया। लेकिन वाहन में सवार आरोपी ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।

पुलिस ने तत्परता से जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आरोपी गुफरान घायल हो गया। उसे पकड़ने के बाद पुलिस ने उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से एक तमंचा, कारतूस और कई फर्जी नंबर प्लेट्स बरामद हुईं। यह पता चला कि गुफरान और उसके गिरोह के लोग नंबर प्लेट्स का इस्तेमाल गाड़ियों की पहचान छिपाने के लिए करते थे।

गुफरान का आपराधिक इतिहास

गुफरान की गिरफ्तारी से पहले ही उसकी गतिविधियाँ कई राज्यों में संदिग्ध रही हैं। पुलिस के मुताबिक, गुफरान का नाम उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में कई पशु तस्करी और चोरी की वारदातों से जुड़ा हुआ है। गुफरान पर इन तीनों राज्यों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन आरोपों में मुख्य रूप से पशुओं की तस्करी, चोरी, और अवैध व्यापार शामिल हैं।

पशु तस्करी: एक गंभीर समस्या

पशु तस्करी की समस्या आज देश के कई हिस्सों में गंभीर रूप से फैली हुई है। पशुओं की अवैध तस्करी एक ऐसा अपराध है जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इसके साथ ही यह समाज में भी कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है। पशु तस्करी के कारण न केवल पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार होता है, बल्कि इस व्यापार में शामिल लोग बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा रहे होते हैं, जो अक्सर देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी चुनौती देते हैं।

पुलिस की कार्रवाई का असर

एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने इस गिरफ्तारी को एक बड़ी उपलब्धि बताया है और इसे पुलिस के लगातार मेहनत और प्रभावी रणनीति का परिणाम माना है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन क्लीन की चौथी मुठभेड़ है, और पुलिस का मकसद ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते रहना है। पुलिस ने यह भी बताया कि गुफरान का गिरोह अंतरराज्यीय पशु तस्करी में संलिप्त था, और इसके खिलाफ और भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार के अभियान लगातार जारी रहेंगे, ताकि समाज को इन अपराधों से मुक्त किया जा सके। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे पशु तस्करी और अन्य अपराधों के बारे में पुलिस को सूचना दें ताकि इस प्रकार के आपराधिक नेटवर्क को जल्दी नष्ट किया जा सके।

एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत का बयान

एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि गुफरान और उसके गिरोह के खिलाफ यह चौथी मुठभेड़ थी, जो ऑपरेशन क्लीन के तहत की गई थी। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य अंतरराज्यीय अपराधियों और तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करना है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक जो जानकारी प्राप्त हुई है, उससे यह साफ है कि आरोपी और उसके गिरोह का नेटवर्क यूपी, पंजाब, और हरियाणा में फैला हुआ था। इन आरोपियों की गिरफ्तारी से इस पूरे अंतरराज्यीय तस्करी के गिरोह को नष्ट करने में मदद मिलेगी।

गुफरान का गिरोह और अन्य गिरफ्तारियां

पुलिस का मानना है कि गुफरान का गिरोह केवल पशु तस्करी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके द्वारा कई अन्य अपराधों को भी अंजाम दिया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गुफरान और उसके गिरोह के खिलाफ जल्द ही अन्य गिरफ्तारी भी हो सकती है। इस गिरोह का नेटवर्क इतना विस्तृत था कि इसके खिलाफ कार्रवाई करना एक बड़ी चुनौती बन गया था।

अब पुलिस ने गुफरान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि गुफरान के साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं, ताकि इस गिरोह को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

मुजफ्फरनगर पुलिस की यह सख्त कार्रवाई यह साबित करती है कि अपराधियों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई कितनी प्रभावी हो सकती है। एसएसपी संजय कुमार वर्मा की अगुवाई में इस ऑपरेशन ने पुलिस की कार्यशैली और उनकी तत्परता को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि गुफरान और उसके गिरोह के अन्य सदस्य कब तक पकड़े जाते हैं और इस गिरोह को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए पुलिस के क्या कदम होंगे।

 



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