मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)  उत्तर प्रदेश की राजनीति में शिवसेना ने अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। प्रकाश मार्केट स्थित कार्यालय पर हुई शिवसेना नगर कार्यकारिणी की बैठक में नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़े फैसले लिए गए। बैठक की अध्यक्षता महानगर महासचिव आदित्य कश्यप ने की, जबकि संचालन महानगर उपाध्यक्ष उज्ज्वल पंडित ने किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में सहारनपुर मंडल अध्यक्ष शरद कपूर भी उपस्थित रहे, जिन्होंने नगर कमेटी के पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

हर वार्ड में होगी शिवसेना की इकाई, जनसंपर्क तेज करने के आदेश

बैठक में यह तय किया गया कि शहर के हर वार्ड में शिवसेना की इकाई का गठन किया जाएगा ताकि संगठनात्मक ढांचा मजबूत हो सके। शरद कपूर ने स्पष्ट किया कि अब शिवसेना केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अपनी राजनीतिक पैठ जमाने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि नगर निकाय चुनाव में शिवसेना मजबूती से लड़ेगी, इसलिए जनसंपर्क अभियान को और तेज किया जाए।

भाजपा को समर्थन देने का मिला सिला? शिवसेना की नाराजगी

बैठक में यह बात भी सामने आई कि अब तक भाजपा को समर्थन देने के बावजूद शिवसेना कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं मिला। इस पर संगठन के कई पदाधिकारियों ने भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि अब शिवसेना को अपने दम पर खड़ा होना होगा।

महानगर महासचिव आदित्य कश्यप ने कहा:

भाजपा ने हमें सिर्फ इस्तेमाल किया, लेकिन जब सम्मान देने की बात आई, तो हमें नजरअंदाज कर दिया गया। अब वक्त आ गया है कि हम खुद को उत्तर प्रदेश में मजबूत करें और हिंदू समाज के असली हितैषी बनकर उभरें।

शिवसेना के लिए यूपी क्यों है जरूरी?

शिवसेना, जो अब तक महाराष्ट्र की राजनीति तक सीमित थी, अब उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जड़ें जमाने की कोशिश में है। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां पर राजनीतिक पकड़ बनाकर शिवसेना राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख को और मजबूत करना चाहती है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, शिवसेना का यह कदम 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। यूपी में भाजपा का मजबूत आधार है, लेकिन अगर शिवसेना यहां अपनी स्थिति मजबूत कर लेती है, तो भविष्य में भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान और बढ़ सकती है।

कार्यकर्ताओं को दी गई अहम जिम्मेदारियां

बैठक में कार्यकर्ताओं को नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गईं। हर वार्ड में शिवसेना की शाखा बनाने, जनता से सीधा संवाद करने, और पार्टी की विचारधारा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए।

महानगर उपाध्यक्ष उज्ज्वल पंडित ने कहा:

अब हमें किसी के भरोसे नहीं रहना है। अगर हमें पहचान बनानी है, तो अपनी ताकत पर भरोसा करना होगा। शिवसेना अब यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है।”

बैठक में शामिल प्रमुख शिवसैनिक

बैठक में शहर के कई वरिष्ठ शिवसैनिकों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिनमें महानगर महासचिव ललित रोहिल्ला, आदित्य कश्यप, महानगर उपाध्यक्ष उज्ज्वल पंडित, राजेंद्र तायल, अमन वर्मा, राजेश अरोड़ा, आशीष मिश्रा, राकेश धीमान, प्रदीप जैन, अंकुर जैन, ऋतिक ठाकुर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

शिवसेना की भविष्य की रणनीति

शिवसेना ने इस बैठक में जो रणनीति बनाई है, वह आने वाले दिनों में नगर निकाय चुनाव को लेकर और स्पष्ट होगी। लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं, उनके अनुसार –

  1. शहर के हर वार्ड में शिवसेना की इकाई स्थापित होगी।
  2. भाजपा से दूरी बनाते हुए संगठन को अलग पहचान दी जाएगी।
  3. जनसंपर्क बढ़ाकर अधिक से अधिक समर्थकों को जोड़ा जाएगा।
  4. हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाकर यूपी में खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में पेश किया जाएगा।
  5. शिवसेना के टिकट पर नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार उतारे जाएंगे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज!

इस बैठक के बाद से मुजफ्फरनगर समेत पूरे पश्चिमी यूपी में शिवसेना की सक्रियता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवसेना अगर सही रणनीति के साथ आगे बढ़ी, तो यूपी की राजनीति में नई हलचल मचा सकती है।

अब देखना यह होगा कि शिवसेना की यह रणनीति भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाती है और खुद शिवसेना को कितना फायदा देती है। लेकिन इतना तय है कि आगामी नगर निकाय चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं, जहां शिवसेना पूरी मजबूती के साथ ताल ठोकने के लिए तैयार है।



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