मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) में एक भावुक और श्रद्धा से भरी सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने मिलकर दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी को श्रद्धांजलि अर्पित की। ये सभा जानसठ रोड स्थित साक्षी फार्म हाउस पर आयोजित की गई थी। इस दौरान विशेष रूप से अक्षय शर्मा, जोकि जिला पंचायत में स्टेनो के पद पर कार्यरत हैं, की माताजी श्रीमती लखमीरीदेवी की तेरहवीं और श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए लोग भावुक थे।
श्रीमती लखमीरीदेवी का निधन 24 अप्रैल 2025 को हुआ था, और उनके निधन ने जिले में एक शोक की लहर पैदा कर दी थी। उनकी आकस्मिक मौत से पूरे परिवार को गहरा आघात लगा, लेकिन श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे लोगों ने उनके योगदान और उनके जीवन के मूल्यों को याद करते हुए उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। इस सभा में स्थानीय और प्रदेश के कई महत्वपूर्ण नेता, अधिकारी, और समाजसेवी शामिल हुए, जिन्होंने दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी के सम्मान में पुष्प चढ़ाए और शोक व्यक्त किया।
प्रदेश भर के राजनेताओं और नेताओं का सैलाब
सभा में एक ओर महत्वपूर्ण बात यह रही कि जिले और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए और दिवंगत लखमीरीदेवी के योगदान को सराहा। इस दौरान कई प्रमुख राजनैतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने सभा को और भी गरिमामय बना दिया।
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक, और बुढाना विधायक राजपाल बालियान सहित कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा, रालोद नेता रणधावा मलिक, भा.ज.पा. नेता विवेक बालियान, सोमपाल सिंह भाटी, सपा नेता राकेश शर्मा, रालोद नेता संजय राठी, और कई अन्य प्रमुख राजनेताओं ने इस अवसर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
इस अवसर पर राजनीतिक दलों के अलावा, विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य भी वहां मौजूद थे। ये सभी लोग दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां उपस्थित हुए थे।
परिवार के सदस्य और सम्मानित व्यक्ति
इस आयोजन में केवल नेता और अधिकारी ही नहीं, बल्कि दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। उनके बेटे अक्षय शर्मा, जो वर्तमान में जिला पंचायत में स्टेनो के पद पर कार्यरत हैं, ने इस सभा में विशेष रूप से सभी उपस्थित व्यक्तियों का धन्यवाद अर्पित किया। उन्होंने अपने भावुक शब्दों में कहा कि यह सभा उनके लिए और उनके परिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, और वे सभी उपस्थित लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इस दुख की घड़ी में उनका साथ दिया। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस दौरान वहां मौजूद थे, जिनमें राजीव शर्मा, प्रदीप शर्मा, पंकज शर्मा, संजय शर्मा, और आकाश शर्मा जैसे लोग शामिल थे।
दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी की यादें
स्व. श्रीमती लखमीरीदेवी का जीवन बेहद साधारण था, लेकिन उनके कार्य और उनके सामाजिक योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। वे एक आदर्श महिला और मां थीं, जिन्होंने अपने परिवार को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया। उनके निधन के बाद उनके परिवार और समाज में शोक की लहर दौड़ गई है, क्योंकि उन्होंने अपना जीवन हमेशा दूसरों की मदद करने में बिताया।
उनकी शिक्षा, संस्कार और सामाजिक कार्यों को देखते हुए उनकी पूरी पंचायत और जिले ने उन्हें एक आदर्श नागरिक माना। वे एक शांतिपूर्ण जीवन जीने वाली महिला थीं और हमेशा अपने परिवार और समुदाय के लिए कुछ न कुछ अच्छा करने की कोशिश करतीं।
विविध सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं का योगदान
स्व. श्रीमती लखमीरीदेवी की श्रद्धांजलि सभा में न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी भी शामिल हुए। इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और इस कठिन घड़ी में अक्षय शर्मा और उनके परिवार के साथ खड़े होने का विश्वास दिलाया।
श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन और उद्देश्य
श्रद्धांजलि सभा का मुख्य उद्देश्य दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी की यादों को संजोते हुए उनके योगदान को सम्मानित करना था। सभा में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग एकजुट होकर इस उपलक्ष्य में पहुंचे थे। यह दिखाता है कि भारतीय समाज में भले ही विभिन्नताएँ हों, लेकिन एकता और भाईचारे का कोई विकल्प नहीं होता।
अंत में, सभी ने मिलकर दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवार को इस कठिन समय में सांत्वना दी। यह श्रद्धांजलि सभा एक संकल्प के रूप में समाप्त हुई कि हम सभी अपने जीवन में उनके आदर्शों का पालन करेंगे और एक अच्छे इंसान बनने की कोशिश करेंगे।
आगे की राह
दिवंगत श्रीमती लखमीरीदेवी के परिवार और उनके समर्थकों के लिए यह एक कठिन समय है, लेकिन वे इस दुखद घड़ी में उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों और उनके जीवन के मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा, और उनके परिवार को समाज में हमेशा एक सम्मानजनक स्थान मिलेगा।