मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम देते हुए आज से एक ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत हुई है। जिला चिकित्सालय परिसर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा “संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान” का आगाज किया गया, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल और नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो अब जनपद के कोने-कोने में स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश पहुंचाएंगे।
1 अप्रैल से शुरू होगा मिशन, 30 अप्रैल तक चलेगा अभियान
यह अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चलेगा, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं की टीमें घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया ने इस दौरान अभियान के लक्ष्यों और रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस बार अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए ऑडियो-विजुअल प्रचार सामग्री, ई-रिक्शा और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा।
“आशा वर्कर्स हैं इस मुहिम की रीढ़” – नगर पालिका अध्यक्ष
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप ने आशा कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “ये महिलाएं समाज की असली हीरो हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं।” उन्होंने नगर पालिका की ओर से पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया और कहा कि शहरी क्षेत्रों में सफाई अभियान को भी तेजी से चलाया जाएगा, ताकि मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लग सके।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने दी शपथ, कहा – “स्वच्छता ही बचाव है”
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को संचारी रोगों से बचाव की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा, “सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी व्यक्ति बीमारी के कारण अपनी जान न खोए। इसलिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।” उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में विशेष चौकसी बरती जाए और लक्षित क्षेत्रों में फॉगिंग व लार्वा नियंत्रण पर ध्यान दिया जाए।
ई-रिक्शा और वैन से होगा जनजागरण
इस अभियान में डिजिटल माध्यमों को खास तवज्जो दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने ई-रिक्शा और वैन को ऑडियो मैसेज और प्रचार सामग्री से सजाया है, जो अब शहर और गांवों की गलियों में घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करेंगे। मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने बताया कि इस बार टीमें घर-घर जाकर न सिर्फ बीमारी के लक्षण बताएंगी, बल्कि संदिग्ध मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित करेंगी।
कौन-कौन था मौजूद?
इस कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह, अर्बन कोऑर्डिनेटर कमल कुमार के अलावा बड़ी संख्या में आशा वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मी और स्थानीय नेताओं ने हिस्सा लिया।
आगे की रणनीति क्या है?
- घर-घर सर्वेक्षण कर संदिग्ध मरीजों की पहचान
- मच्छरों के प्रजनन स्थलों को चिन्हित कर उन्हें नष्ट करना
- स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जागरूकता शिविर
- सोशल मीडिया पर #SwasthyaMuzaffarnagar अभियान चलाकर युवाओं तक पहुंच
मुजफ्फरनगर में यह अभियान न सिर्फ बीमारियों पर काबू पाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह साबित करता है कि सरकार और जनता की साझेदारी से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। अब देखना यह है कि यह मुहिम कितनी कारगर साबित होती है और जनपद को संचारी रोगों से मुक्ति दिलाने में कितनी सफल होती है।