Muzaffarnagar। भारतीय पत्रकारिता के पितामह गणेश शंकर विद्यार्थी की स्मृति में 30 मई को डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब द्वारा पत्रकारिता दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिलदेव अग्रवाल ने स्व.गणेश शंकर विद्यार्थी के सम्बन्ध मे विस्तार से बताया। साथ ही इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया।

पत्रकारिता दिवस पर Muzaffarnagar डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे सर्वप्रथम माॅ सरस्वती एवं गणेश शंकर विद्यार्थी के चित्र पर दीप एवं पुष्पंाजलि अर्पित की गई। वहीं मुख्य अतिथि मंत्री कपिलदेव अग्रवाल, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य अंकुर दुआ,वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द भारद्वाज, पश्मिची संदेश के सम्पादक एवं क्लब के अध्यक्ष रविन्द्र चैधरी, हिन्दुस्तान प्रभारी दिवाकर झा, अमर उजाला के प्रभारी मदन बालियान, दैनिक जागरण के प्रभारी आनन्द प्रकाश,जनसत्ता प्रभारी संजीव चैधरी आदि ने पुष्पंाजलि अर्पित की।

मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र मित्तल, वरिष्ठ पत्रकार अंकुर दुआ,  एम.रहमान पी.टी.आई,पत्रकार लोकेश भारद्वाज, वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा, संपादक श्रीमति चन्द्रकान्ता, श्रीमति राजबीरी देवी आदि को शाॅल ओढाकर सम्मानित किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र आज चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। सच्चाई और निष्पक्षता की नींव पर खड़ी पत्रकारिता समाज की धरोहर है। हमें अपने पेशे को गरिमा और ईमानदारी से निभाना चाहिए। आज की पीढ़ी के पत्रकारों को यह समझना होगा कि सच्ची पत्रकारिता का मतलब केवल खबरें लिखना नहीं है, बल्कि समाज में न्याय और सच्चाई की आवाज बनना है। गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे महान पत्रकारों ने हमें सिखाया कि हमें कभी भी सत्य से समझौता नहीं करना चाहिए। हमें अपनी लेखनी को समाज के हित में उपयोग करना चाहिए और हर उस व्यक्ति के लिए आवाज उठानी चाहिए जो अन्याय का शिकार हो। पत्रकारिता की इस पवित्र भूमि पर, हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करना चाहिए। पत्रकारिता का यह पवित्र पेशा हमें समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर देता है, जिसे हमें पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहिए।

कपिलदेव अग्रवाल द्वारा Muzaffarnagar डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब वरिष्ठ पत्रकारों एवं छायाकारो को बैज लगाकर एवं फूल माला पहना कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि कपिलदेव अग्रवाल ने अपने सम्बोधन मे कहा कि पत्रकारों को अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखते हुए अपनी लेखनी से अन्याय के विरूद्ध संघर्ष करना चाहिए।  हिन्दी पत्रकारिता बहुत चुनौती पूर्ण कार्य है। वर्ष 1826 मे पत्रकार जुगल किशोर शुक्ला मे पहला हिन्दी समाचार पत्र शुरू किया।

उन्होने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने  निर्भीक पत्रकारिता शुरू की  और अपने जीवन का बलिदान दे दिया। भारतीय प्रेस क्लब के सदस्य अंकुर दुआ ने कहा कि सभी पत्रकार स्तरीय पत्रकारिता करें। उन्होने यह भी कहा कि कोई पत्रकार छोटा बडा नही होता। उसकी लेखनी मे दम होना चाहिए। उन्हांेने कहा कि पत्रकार की पहचान उसकी लेखनी से ही होती है इसलिए अपनी लेखनी को पैना बनाये तथा उससे ऐसा लिखे जो समाजहित में हो तथा पीड़ित को उस लेखन से न्याय मिल सके।

वरिष्ठ पत्रकार श्यामा चरण पंवार (Adv) ने कहा कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य समाज को सच्ची और निष्पक्ष जानकारी प्रदान करना है। हमें अपने पेशे की गरिमा बनाए रखते हुए, जनता की आवाज को बुलंद करना चाहिए। पत्रकारिता केवल खबरें देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज को सही दिशा दिखाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। आज के पत्रकारों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी लेखनी में निडरता और ईमानदारी हो। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सच्चाई को उजागर करना चाहिए और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे महान पत्रकारों से प्रेरणा लेते हुए, हमें अपने पेशे की मर्यादा को बनाए रखते हुए, हर उस व्यक्ति की आवाज बनना चाहिए जो अन्याय का शिकार हो। 

वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द भारद्वाज ने कहा कि आज आवशयक्ता इस बात की है कि हिंदी पत्रकारिता को जीवित रखें। उन्होने कहा कि प्रिंट मीडिया स्थाई है। इसकी गरिमा बनाए रखें। इसके अलावा दिवाकर झा,आनन्द प्रकाश, मदन बालियान, संजीव चैधरी, विजय शर्मा, रणवीर सैनी आदि ने भी पत्रकारिता के सम्बन्ध मे अपने विचार रखे। पत्रकार संजीव चैधरी ने अपने सम्बोधन मे कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र मे काम करने वाले सभी पत्रकार अपनी शिक्षा को बढाएं तथा प्रेस एक्ट की जानकारी रखें। अपने ज्ञान को बढाएं।    

कार्यक्रम के अन्त मे मुख्य अतिथि कपिलदेव अग्रवाल को वरिष्ठ पत्रकारों ने शाॅल ओढाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रेस क्लब के अध्यक्ष रविन्द्र चैधरी ने अपने विचार रखे तथा सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम मे पत्रकार अरविन्द गुप्ता, राकेश शर्मा मुजफ्फरनगर बुलेटिन, सलेकचन्द पाल, विनोद पाराशर, डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, श्यामा चरण पंवार, सतपाल सिंह, ऋषिराज राही, संदीप वत्स पंडित जी, पी.के.श्रीवास्तव, विजय कर्णवाल, पंकज ऐरन, सचिन जौहरी, राजू सिंह, भूषण पाल, नवनीत शर्मा, तबरेज खान,राजेन्द्र कौशिक, अनिल चैधरी मुन्नू, सुनील कुमार, राशिद अली, संजीव तोमर, गोपी सैनी, भगत सिह वर्मा, विजय सैनी, प्रवेश मलिक, धर्मेन्द्र बिल्लू, अमन कुमार, रोहताश वर्मा, मंगल सिंह गुर्जर, वासु प्रजापति, नदीम सिददकी, डा.पी.के.श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, शिवम जैन, दिलशाद मलिक, प्रेेमपाल सिह संधावली,राकेश शर्मा जिला पंचायत, विजय कैमरिक, अतुल जैन, रोबिन सिंघल, अमित वर्मा, यश चैधरी, नीरज शर्मा, संदीप रंजन आदि पत्रकारगण मौजूद रहे।

गणेश शंकर विद्यार्थी:

गणेश शंकर विद्यार्थी (1890-1931) भारतीय पत्रकारिता के पितामह के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 26 अक्टूबर 1890 को हुआ था। विद्यार्थी एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और निर्भीक पत्रकार थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय स्वतंत्रता संग्राम और पत्रकारिता के माध्यम से समाज को जागरूक करने में बिताया।

Ganesh Shankar Vidyarthi (गणेशशंकर विद्यार्थी) की पत्रिका ‘प्रताप’ ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ब्रिटिश सरकार की आलोचना करने से कभी नहीं कतराई। विद्यार्थी ने अपनी लेखनी से समाज में अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने अपने लेखों और संपादकीय के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को बल दिया और जनता को स्वतंत्रता के महत्व से अवगत कराया। उनके अदम्य साहस और सत्य के प्रति निष्ठा ने उन्हें भारतीय पत्रकारिता में अमर बना दिया।

भारत में पत्रकारिता:

भारत में पत्रकारिता का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। भारतीय पत्रकारिता की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी, जब 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिकी ने ‘बंगाल गजट’ नामक पहला समाचार पत्र प्रकाशित किया। इसके बाद, कई समाचार पत्र और पत्रिकाएँ शुरू हुईं, जिन्होंने भारतीय समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया।

वर्ष 1826 में जुगल किशोर शुक्ला ने पहला हिंदी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ शुरू किया। तब से लेकर अब तक, भारतीय पत्रकारिता ने लंबा सफर तय किया है। आज, भारतीय पत्रकारिता में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के माध्यम से समाज को सूचित करने और जागरूक करने का काम किया जाता है।

पत्रकारिता की जिम्मेदारियाँ:

  1. सत्य और निष्पक्षता: पत्रकारों का मुख्य कर्तव्य है कि वे सच्ची और निष्पक्ष खबरें प्रस्तुत करें। उन्हें बिना किसी भेदभाव के सच्चाई को उजागर करना चाहिए।
  2. जनता की आवाज: पत्रकार समाज के विभिन्न वर्गों की आवाज बनते हैं। उन्हें जनता की समस्याओं और मुद्दों को प्रमुखता से उठाना चाहिए।
  3. सूचना का प्रसार: पत्रकारों का काम है कि वे महत्वपूर्ण सूचनाओं को जनता तक पहुँचाएँ ताकि लोग सही समय पर सही निर्णय ले सकें।
  4. साक्षरता और जागरूकता: पत्रकारों को समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने का काम करना चाहिए। उन्हें लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना चाहिए।

पत्रकारिता की चुनौतियाँ:

  1. सेंसरशिप और दमन: कई बार सरकारें और प्रभावशाली लोग पत्रकारों पर सेंसरशिप और दमन का प्रयास करते हैं। इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर खतरा मंडराता है।
  2. सुरक्षा: कई पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के कारण धमकियाँ मिलती हैं और वे हमलों का शिकार होते हैं। उनकी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।
  3. फेक न्यूज: आजकल सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का प्रसार बहुत बढ़ गया है। इससे सच्ची खबरों और फर्जी खबरों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
  4. आर्थिक दबाव: कई बार मीडिया हाउस आर्थिक दबाव के कारण स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता नहीं कर पाते। विज्ञापनदाताओं और अन्य हितधारकों का दबाव स्वतंत्र पत्रकारिता को प्रभावित करता है।
  5. तकनीकी परिवर्तन: पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से हो रहे तकनीकी परिवर्तन भी एक चुनौती है। पत्रकारों को नई तकनीकों और प्लेटफार्मों को अपनाना पड़ता है, जिससे उनके काम की शैली में बदलाव आता है।

Ganesh Shankar Vidyarthi (गणेशशंकर विद्यार्थी) जैसे महान पत्रकारों ने हमें सिखाया कि पत्रकारिता का असली अर्थ सच्चाई और न्याय के प्रति निष्ठा है। हमें उनकी शिक्षा को याद रखना चाहिए और पत्रकारिता के माध्यम से समाज को न्याय और सच्चाई की राह दिखानी चाहिए।



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