मंसूरपुर।(Muzaffarnagarमुजफ्फरनगर, मंसूरपुर: मंसूरपुर पुलिस ने अपने सराहनीय कार्य और तकनीकी दक्षता से एक बार फिर समाज को राहत प्रदान की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में पुलिस टीम ने 10 गुम हुए स्मार्टफोन बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को लौटा दिया। इन मोबाइल फोन की अनुमानित कीमत करीब 2,10,000 रुपये बताई गई है।

तकनीकी मदद से अपराध पर लगाम

मोबाइल फोन गुम होना आम समस्या बन चुकी है। लेकिन पुलिस की इस मुहिम ने साबित कर दिया कि तकनीक और समर्पण के सहारे बड़ी से बड़ी चुनौती का हल निकाला जा सकता है। भारत सरकार द्वारा स्थापित सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल का उपयोग करते हुए, मंसूरपुर पुलिस ने इन मोबाइल फोनों को ट्रैक किया। यह पोर्टल खोए या चोरी हुए उपकरणों की पहचान और ट्रैकिंग में मदद करता है।

कैसे हुई बरामदगी?

पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत और क्षेत्राधिकारी खतौली रामआशीष यादव के पर्यवेक्षण में, थानाप्रभारी उमेश रोरिया की अगुवाई वाली टीम ने इस मिशन को सफल बनाया। प्राप्त ट्रेसिबिलिटी डिटेल्स के आधार पर, ये स्मार्टफोन अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए। बरामद मोबाइलों को उनके मालिकों को सौंपते वक्त उनके चेहरों पर खुशी देखते ही बनती थी।

पुलिस टीम का योगदान

इस कार्य में मुख्य भूमिका निभाने वाली टीम में निम्न अधिकारी शामिल थे:

  • प्रभारी निरीक्षक: उमेश रोरिया
  • कंप्यूटर ऑपरेटर: रवि कुमार
  • कांस्टेबल: ओमवीर सिंह (का0 1978)

पुलिस टीम ने न केवल फोनों को बरामद किया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि वे सही मालिकों को लौटाए जाएं।

स्मार्टफोन के मालिकों की प्रतिक्रियाएं

अपने गुम हुए मोबाइल वापस पाकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कई लोगों ने इसे अपनी जिंदगी का यादगार पल बताया। एक मोबाइल स्वामी ने कहा, “मुझे नहीं लगा था कि मेरा फोन वापस मिलेगा। मंसूरपुर पुलिस ने असंभव को संभव कर दिखाया।”

समाज में सकारात्मक संदेश

यह अभियान सिर्फ मोबाइल बरामदगी तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को यह संदेश देता है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हमेशा तत्पर है। इस कदम ने पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास को और मजबूत किया है।

गुम हुए मोबाइल की बढ़ती समस्या

आज के दौर में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर दिन हजारों मोबाइल फोन चोरी या गुम हो जाते हैं। यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा का भी बड़ा मुद्दा है। CEIR जैसे पोर्टल इन समस्याओं के समाधान में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

पुलिस की भविष्य की योजनाएं

मंसूरपुर पुलिस इस अभियान को और व्यापक बनाना चाहती है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा कि ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल कर और अधिक चोरी और गुम हुए सामान को उनके मालिकों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने मोबाइल गुम होने की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

पुलिस का प्रयास: प्रेरणा स्रोत

मंसूरपुर पुलिस की यह पहल न केवल मुजफ्फरनगर में बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में अन्य पुलिस इकाइयों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकती है। जनता की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की बरामदगी में पुलिस की भूमिका को नई दिशा देने के लिए यह अभियान एक मिसाल है।

समाप्ति में

इस तरह की कार्यवाही यह साबित करती है कि जब पुलिस और तकनीक का सही मिश्रण हो, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। मंसूरपुर पुलिस की इस सराहनीय कार्यवाही ने एक बार फिर दिखाया कि कानून के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कितनी गहरी है।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *