Muzaffarnagar में पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला सामने लाया है, जिसमें स्वास्थ्य के साथ सीधे खिलवाड़ करने वाला गिरोह सक्रिय था। यह गिरोह खांसी के सिरप को एक्सपायरी या प्रतिबंधित होने के बावजूद फर्जी रैपर लगाकर बेचने की योजना बना रहा था। गिरोह द्वारा पुराने सिरप पर नए रैपर चिपकाकर इसे बाजार और खाड़ी देशों में बेचने की साजिश रची जा रही थी।
पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी
नगर पुलिस अधीक्षक सत्य नारायण प्रजापति ने बताया कि पुलिस ने इस गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शादाब अली, बबलू उर्फ तूफान सिंह और दीपक शर्मा शामिल हैं। इन सभी को गिरोह द्वारा किए जा रहे इस धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया। हालांकि, एक आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह लंबे समय से इस अवैध कारोबार में सक्रिय था और इसका मुख्य उद्देश्य खाड़ी देशों में इन सिरपों की सप्लाई करना था।
फर्जी सिरप का कारोबार
पुलिस ने इस गिरोह के कब्जे से फैंसीडाइल कफ सिरप की 74 शीशियां और 92 फर्जी रैपर शीट बरामद की हैं। फैंसीडाइल सिरप एक प्रकार का खांसी का सिरप होता है, जो डॉक्टर की पर्ची पर ही मेडिकल स्टोरों से मिलता है और इसकी काफी डिमांड रहती है। गिरोह ने एक्सपायरी सिरप को सस्ते दामों पर खरीदा और फिर उन पर पुराने रैपर हटा कर नए रैपर चिपका दिए, ताकि यह सिरप ताजे और वैध उत्पाद के रूप में बिक सके।
गिरोह का कहना था कि यह सिरप सऊदी अरब, यूएई, ओमान, ईरान और कुवैत जैसे खाड़ी देशों में भेजने की योजना बना रहे थे। वहां जाने वाले भारतीय नागरिकों से यह सिरप 1000 से 1200 रुपये प्रति बोतल तक बेचा जाता था, जो कि भारत में एक्सपायर हो चुके सिरप की तुलना में बहुत अधिक था। इस प्रकार से गिरोह को भारी मुनाफा होने की उम्मीद थी।
गिरोह के नेटवर्क का पर्दाफाश
गिरोह का तरीका केवल सिरप बेचने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह पूरे नेटवर्क के जरिए अन्य राज्यों और मेडिकल स्टोरों में भी इन सिरपों की सप्लाई करने की योजना बना रहा था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह पता लगाया कि यह गिरोह पुराने या जल्द एक्सपायर होने वाले सिरप को खरीदता था और फिर उसे फर्जी रैपर लगाकर ताजे उत्पाद की तरह बेचता था। यह व्यापार पूरी तरह से अवैध था और इसके द्वारा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था।
पुलिस की सख्त कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के पास से कोई वैध दस्तावेज नहीं मिलने की पुष्टि की है। पुलिस अब फरार आरोपी की तलाश में जुटी हुई है और साथ ही यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह का नेटवर्क किन-किन मेडिकल स्टोरों से जुड़ा हुआ था। नगर पुलिस अधीक्षक सत्य नारायण प्रजापति ने कहा, “लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और हम जल्दी ही गिरोह के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफल होंगे।”
स्वास्थ्य से जुड़ी धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त संदेश
यह घटना यह साबित करती है कि ऐसे गिरोह न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। इस प्रकार के अवैध कारोबार से न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरा है, बल्कि यह पूरे समाज को भी प्रभावित करता है। पुलिस ने अब इस गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, ताकि ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दिलवाई जा सके।
सार्वजनिक जागरूकता और स्वास्थ्य सुरक्षा
इस घटना ने एक बार फिर से यह संदेश दिया है कि हमें अपने स्वास्थ्य से जुड़ी हर चीज़ पर विशेष ध्यान देना चाहिए और किसी भी अवैध उत्पाद से बचने की कोशिश करनी चाहिए। पुलिस की कार्रवाई से यह साफ होता है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ न केवल पुलिस, बल्कि समाज को भी एकजुट होकर काम करना होगा।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि वह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से संजीदा है। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस किसी भी गिरोह को बख्शने के लिए तैयार नहीं है और ऐसे अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।