Muzaffarnagar के पटेलनगर में इस साल का श्री रामलीला महोत्सव बेहद खास रहा। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति ने इस बार अपनी स्वर्ण जयंती मनाते हुए 50वें रामलीला मंचन महोत्सव का भव्य आयोजन किया। शनिवार की रात पूरा शहर भक्तिरस में डूब गया। दीपों की रोशनी, मंत्रोच्चार और जय श्रीराम के गगनभेदी नारे पूरे माहौल को आध्यात्मिक बना रहे थे।


दीप प्रज्ज्वलन और पूजन के साथ हुआ यादगार शुभारंभ

इस स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल, प्रमुख उद्यमी सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी और उनकी धर्मपत्नी अविता स्वरूप, समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन व उनकी धर्मपत्नी मीना ऐरन, अन्य विशिष्ट अतिथियों एवं भक्तजनों ने श्रीराम की प्रतिमा के समक्ष पूजन कर किया।

इसके बाद भगवान गणेश, रामायण जी और श्री बांकेबिहारी की आरती हुई। दीप प्रज्ज्वलन के साथ पूरे आयोजन स्थल में ऊर्जा और उत्साह का वातावरण बन गया।


पहले दिन की लीला – नारद मोह और शिव-पार्वती संवाद ने बांधा समां

श्री गणेश वंदना के साथ मंचन की शुरुआत हुई। इसके बाद नारद मोह की लीला का सुन्दर मंचन हुआ, जिसमें नारद जी के अहंकार और भगवान विष्णु द्वारा उनके मोह भंग की कथा को जीवंत कर दिया गया। कलाकारों की शानदार अदाकारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इसके पश्चात शिव-पार्वती संवाद की लीला हुई। भगवान शिव ने माता पार्वती को श्रीराम के धरती पर अवतार और उनकी जीवन कथा का मार्मिक वर्णन किया। मंचन देखकर दर्शक भावविभोर हो गए।


मंत्री कपिल देव अग्रवाल का संबोधन – रामलीला आस्था का अद्भुत संगम

मुख्य अतिथि कपिल देव अग्रवाल ने कहा,
“रामलीला केवल मंचन नहीं है, यह भगवान श्रीराम के प्रति आस्था, भक्ति और परिश्रम का संगम है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण भी इन रामलीलाओं और भक्तों की सदियों पुरानी प्रार्थनाओं का परिणाम है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की और कहा कि उनकी नीतियों ने देश और प्रदेश में सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है।


सौरभ स्वरूप का संदेश – बच्चों को रामलीला से जोड़ना जरूरी

उद्योगपति सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी ने कहा कि रामलीलाएं हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं और नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का काम करती हैं। उन्होंने कहा कि हर परिवार को अपने बच्चों के साथ रामलीला में आना चाहिए ताकि वे अपने धर्म और संस्कृति को समझ सकें।


50 वर्षों का गौरवशाली इतिहास – समिति की अनूठी परंपरा

कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन ने बताया कि गुरु पं. रामप्रसाद शर्मा और रवि मित्तल ने 1976 में इस रामलीला की नींव रखी थी। तब से हर साल स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचन किया जाता है। यह विशेषता है कि मंचन करने वाले कलाकार समिति के पदाधिकारी या उनके परिवार से ही होते हैं, जिससे यह मंचन अधिक पारिवारिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़ा रहता है।


श्रद्धांजलि और स्मरण

कार्यक्रम के दौरान समिति के तीन महत्वपूर्ण सदस्यों पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश, निधीश प्रकाश और रामलीला के निर्देशक व कलाकार अमित भारद्वाज को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें स्मरण किया।


भव्य आयोजन में शहर के गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

इस मौके पर समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, अध्यक्ष गोपाल चौधरी, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, मनीष कपूर, मनीष चौधरी, अशोक गर्ग, दिनेश जैन ठेकेदार, पं. चिरायु गालव, धर्मेन्द्र पंवार नीटू, अनिल लोहिया, पीयूष शर्मा, राकेश मित्तल, विनोद गुप्ता, निर्देशक पंकज शर्मा, नारायण ऐरन, विजय मित्तल, जितेन्द्र नामदेव, गोविंद शर्मा, ज्योति ऐरन, कन्दर्प ऐरन, यश चौधरी, गौरव मित्तल, अंशुल गुप्ता, अमर चौधरी, प्रदीप बॉबी, हरिओम मास्टर, सोनू सिंह, मनोज पाटिल, राजेश वशिष्ठ, देवेन्द्र पतला, शिवांश ठाकुर, पंकज वशिष्ठ, स्पर्श गर्ग, यश गर्ग, कृष्णा नामदेव, विशाल शर्मा, उदय कौशिक, लक्ष्य बंसल, अभिषेक कश्यप, जतिन गर्ग, विपुल मोहन, अज्जु जैन सहित बड़ी संख्या में कलाकार व श्रद्धालु मौजूद रहे।

पूजन पं. ब्रजेन्द्र मिश्रा और पं. जितेन्द्र मिश्रा ने कराया। रामायण वाचक रामपाल सिंह राठी ने श्लोक पाठ किया। हारमोनियम पर विजय कुमार और ढोलक पर मनोज राज ने संगत कर कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।


50वें श्री रामलीला महोत्सव का यह भव्य शुभारंभ मुजफ्फरनगर के लिए गर्व की बात है। आने वाले दिनों में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और रावण की लीलाओं का मंचन होगा। समिति ने श्रद्धालुओं से प्रतिदिन रामलीला में शामिल होने की अपील की है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस धरोहर को जान सकें और संस्कार पा सकें।



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