मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) — साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए चल रहे अभियान के तहत मुजफ्फरनगर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने ऑनलाइन शॉपिंग ऐप के माध्यम से मंदिर का ऑर्डर भेजने और RBI/पुलिस शिकायत दाखिल करने के बहाने एक पीड़ित से ₹12,95,000 की धोखाधड़ी की थी।
अभियुक्त की पहचान पुष्पेन्द्र सिंह चौहान पुत्र श्री डम्बर सिंह, निवासी ग्राम गाउसपुर टैना, थाना खुर्जा, जनपद बुलन्दशहर के रूप में हुई है।
कैसे हुआ 12.95 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड
मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उसे ऑनलाइन शॉपिंग ऐप के जरिए मंदिर सामग्री का ऑर्डर भेजने के नाम पर संपर्क किया गया।
धीरे-धीरे उस व्यक्ति से विश्वास हासिल कर ठग ने कहा कि यदि ऑर्डर की कोई दिक्कत है तो RBI और पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी जाए — और इसी बहाने ठग ने एक के बाद एक कई बार पैसों की मांग की।
विश्वास में आए पीड़ित ने अलग-अलग किश्तों में कुल ₹12,95,000 की राशि भेज दी। बाद में जब संपर्क टूट गया तो उसे एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुका है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: साइबर टीम ने किया शातिर को गिरफ्तार
पीड़ित की शिकायत पर थाना साइबर क्राइम मुजफ्फरनगर में मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस अधीक्षक अपराध श्रीमती इंदु सिद्धार्थ, क्षेत्राधिकारी अपराध, और प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर कार्रवाई की।
टीम ने संदिग्ध व्हाट्सएप नंबरों को ट्रेस किया और साइबर लोकेशन की मदद से आरोपी को धर दबोचा।
गिरफ्तारी के समय उसके मोबाइल में वही सक्रिय व्हाट्सएप अकाउंट चल रहा था, जिससे पीड़ित से संपर्क किया गया था।
अभियुक्त से बरामद मोबाइल में मिले कई और शिकायतों के सबूत
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब अभियुक्त के मोबाइल की जांच की तो उसमें तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर 10 अन्य साइबर शिकायतें पाई गईं।
संभावना जताई जा रही है कि आरोपी लंबे समय से इस तरह की ठगी के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी लोगों को निशाना बना रहा था।
पुलिस की टीम अब इन मामलों की विस्तृत जांच कर रही है ताकि पूरे गिरोह का खुलासा किया जा सके।
अभियुक्त की गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम
गिरफ्तारी करने वाली साइबर क्राइम टीम में शामिल अधिकारी:
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प्रभारी निरीक्षक – सुल्तान सिंह
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निरीक्षक – प्रदीप कुमार
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उप निरीक्षक – गौरव चौहान
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मुबारिक हसन, जय शर्मा, और हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार
इन सभी पुलिसकर्मियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से यह मामला जल्द ही सुलझा लिया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों का निर्देश: साइबर अपराधों पर सख्त निगरानी
इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर श्री संजय कुमार वर्मा ने बताया कि यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश शासन और पुलिस महानिदेशक के आदेशों के तहत चलाए जा रहे साइबर अपराध नियंत्रण अभियान का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध आज समाज के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं। लोगों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अजनबी व्यक्ति को ऑनलाइन भुगतान नहीं करना चाहिए।
अपर पुलिस महानिदेशक “मेरठ जोन” और पुलिस उपमहानिरीक्षक “सहारनपुर परिक्षेत्र” के निर्देशन में जनपद मुजफ्फरनगर की पुलिस टीम लगातार ऐसे अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है।
आमजन से पुलिस की अपील: जागरूक रहें, सतर्क रहें
जनपद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि
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किसी भी अनजान व्यक्ति या लिंक पर क्लिक न करें।
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ऑनलाइन शिकायत या RBI के नाम पर कॉल आने पर पैसे न भेजें।
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यदि किसी भी तरह की ठगी होती है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।
साथ ही, किसी फर्जी वेबसाइट, बैंक कॉल या ई-कॉमर्स ऐप पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
साइबर ठग अब खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मी, या पुलिस अधिकारी बताकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसा रहे हैं।
साइबर अपराधों में बढ़ोतरी: जागरूकता ही है सबसे बड़ा हथियार
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा जैसे जिलों में ऐसे अपराधों के कई मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस का कहना है कि आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ-साथ अपराधी भी अपने तरीकों को लगातार उन्नत बना रहे हैं।
लोगों को अब डिजिटल सतर्कता अपनाने की आवश्यकता है —
हर कॉल पर सवाल करें, हर लिंक की जांच करें, और हर ट्रांजेक्शन को दो बार सोचकर करें।
पुलिस की चेतावनी: ठगों की नई चालों से रहें सावधान
अब ठग सिर्फ बैंक या लॉटरी नहीं, बल्कि धार्मिक संस्थानों, मंदिरों, ट्रस्ट और चैरिटी के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं। लोगों की आस्था का फायदा उठाकर ये अपराधी उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचा रहे हैं।पुलिस ने नागरिकों से कहा है कि किसी भी मंदिर दान, ऑर्डर या धार्मिक आयोजन के नाम पर मांगी गई ऑनलाइन राशि भेजने से पहले संस्था की पूरी जानकारी अवश्य सत्यापित करें।
मुजफ्फरनगर साइबर क्राइम पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी ठगी का खुलासा है, बल्कि नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी है — डिजिटल युग में **सतर्कता ही सुरक्षा है।** पुलिस प्रशासन की सतत मुहिम और जनता की जागरूकता से ही ऐसे अपराधों पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। साइबर पुलिस ने पुनः आग्रह किया है — यदि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें और अपने धन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
