मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना के संबंध में अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम अर्पणा यादव को सौंपा। इस दौरान सिविल बार एसांसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन से जुडे अधिवक्तागण मौजूद रहे।

जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित ज्ञापन मे अवगत कराया गया कि हम सभी आपके ध्यान मे उत्तर प्रदेश राज्य मे न्याय प्रशासन से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण मामला लाने के लिए यह पत्र लिख रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय पीठ की स्थापना, जो इस क्षेत्र के निवासियो और राज्य मे न्याय के कुशल ओर प्रभावी वितरण के लिए अत्यंत महत्वूपर्ण है।

ज्ञापन मे अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश लगभग 23 करोड की आबादी वाला भारत का सबसे भारत का सबसे बडा राज्य है। उच्च न्यायालय राज्य से सूदूर पूर्वी कोने प्रयागराज में स्थित है, जिसकी एक पीठ 13 जिलो के लिए लखनऊ मे स्थित है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वादकारियों/लोगो को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने के लिए 500 से 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे इलाहाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ के लिए संघर्ष 1950 से चल रहा है।

जब दिवंगत मुख्यमंत्री डा.संपूर्णानंद ने वर्ष 1955 मे केंद्र सरकार से पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे एक स्थायी पीठ बनाने की सिफारिश की थी। लगातार राज्य सरकारो ने पश्चिमी यूपी मे हाई कोर्ट बेंच के लिए निर्मा बार-बार सिफारिश की है।

ज्ञापन मे विनम्रता पूर्वक विचार करने की बात करते हुए मांग की है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे इलाहाबद उच्च न्यालय की पीठ की दिशा मे आवश्यक कदम उठाए। इस दौरान जिला व सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर से जुडे पदाधिकारी तथा अधिवक्तागण मौजूद रहे।



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