
बिजली सुधारते कर्मचारी
– फोटो : amar ujala
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। हंसारी से आने वाली 33केवी लाइन में फाल्ट आने की वजह से सीपरी बाजार और रक्सा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति रविवार-सोमवार की रात सात घंटे तक ठप रही, इससे लगभग डेढ़ लाख की आबादी ने बिन बिजली बेचैनी में रात काटी। गुस्साए लोगों ने बिजली विभाग की कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री तक से की।
हंसारी की लाइन में एक सप्ताह से लगातार फॉल्ट आ रहा है। लोगों को भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट झेलना पड़ रहा है। रविवार की रात तकरीबन दस बजे लाइन में फिर से फाल्ट हो गया, इससे सीपरी बाजार और रक्सा के अलावा नंदनपुरा के कुछ क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई और ये सभी इलाके अंधेरे में डूब गए। बिजली विभाग सुबह तकरीबन पांच बजे फाल्ट ठीक कर पाया। इसके बाद विद्युत व्यवस्था बहाल हुई।
झांसी में बुरा हाला, सुनने वाला कोई नहीं
बिजली व्यवस्था से परेशान लोगों ने मुख्यमंत्री तक से इसकी शिकायत की। समाजसेवी विनोद सब्बरवाल ने मुख्यमंत्री को एक्स पर बताया कि झांसी में बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है और दुख की बात यह है कि कोई सुनने वाला नहीं है। उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय से विद्युत विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
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विधायक ने भी उठाया बिजली संकट का मुद्दा
बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि बरुआसागर नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सब स्टेशन नहीं होने से संकट है। थोड़ी तेज हवा चलने व बारिश होते ही फाल्ट होने लगते हैं, जिससे विद्युत व्यवस्था ठप पड़ जाती है। उन्होंने बरुआसागर नगर में 132केवी का सब स्टेशन बनवाने की मांग की। साथ ही कहा कि पुरानी बिजली लाइनों को बदला जाए, जिससे समस्या का समाधान हो सके।
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रक्सा में बिजली के साथ पानी का भी संकट
रक्सा और आसपास गांवों के लोगों को कई दिनों से बिजली के साथ पानी का संकट भी झेलना पड़ रहा है। सोमवार को क्षेत्र के लोगों ने डीएम को शिकायती पत्र देकर समस्या के समाधान की मांग की। उन्होंने बताया कि टंकी से गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है। घरों में भेजा जाने वाला यह पानी पीना तो दूर कपड़े धोने के लायक भी नहीं होता है। गुस्साए लोगों ने कहा कि बिजली और पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। इस मौके पर सुनील खरे, संतोष गुप्ता, एस कुमार गुप्ता, राजू, कमल राजपूत, प्रमोद आदि मौजूद रहे।
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करोड़ों खर्च फिर भी हालात जस के तस
बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए कई करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। समय पर काम पूरा नहीं होने की वजह से न तो जर्जर तार ही बदले जा सके और न जरूरत के हिसाब से ट्रांसफॉर्मर लग सके हैं। केंद्र सरकार की रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 439 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इससे 28 हजार बिजली के पोल और 1290 किमी लाइन बदलनी है। दिसंबर 2022 में शुरू हुआ यह काम अभी तक सिर्फ 62.65 फीसदी पूरा हो पाया है। अफसर समय-समय पर सिर्फ हिदायत दे रहे हैं। वहीं, शहर की बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए बिजनेस प्लान में 42 करोड़ रुपये मिले, मगर यह काम भी पूरा नहीं हुआ है। इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुचारु करने के लिए ट्रांसफॉर्मर आदि लगने हैं। एक अन्य बिजनेस प्लान में 13.67 करोड़ रुपये के काम होने थे, यह भी पूरे नहीं हुए हैं।
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यह बोले बिजली विभाग के चीफ
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता राजीव माहेश्वरी ने कहा कि हंसारी की 33केवी लाइन लटकी होने की वजह से बिजली आपूर्ति में दिक्कत हो रही थी। इसके बारे में अब पता चला है, इसलिए एक पोल लगा दिया है। जल्द ही दो और पोल लगाने से समस्या का काफी हद तक निदान होगा। गांवों में खंभे व पेड़ों के गिरने की वजह से बिजली संकट हुआ था। दो दिन राहत होने के बाद फिर से बिजली की खपत बढ़ गई है, जिससे फाल्ट हो रहे हैं।