pain of the people of Firozabad Nowshehra compensation for houses collapsed in blast is just Rs 6500 strike

रोती हुई महिला
– फोटो : अमर उजाला

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हम सब भूखे मर जाएंगे, लेकिन 6500 रुपये मुआवजे की राशि नहीं लेंगे। मुआवजे के नाम पर प्रशासन ने हमारा मजाक बना दिया है। हमें जितनी धनराशि मुआवजा बतौर दी जा रही है। उससे तो सीमेंट-बालू भी नहीं आएगा। प्रशासन हमें हमारा मकान बनवाकर दे या फिर दो से तीन लाख रुपये तक का मुआवजा दे। यह कहना था कि हादसे की पीड़ित माया देवी का। कैबिनेट मंत्री ने जब महिलाओं का दर्द नहीं सुना, तो उन्होंने मीडिया के सामने चीख-चीखकर यह बातें कहीं।

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आक्रोशित महिलाओं ने आरोप लगाया कि सुबह हम सभी को चाय पिलाकर छोड़ दिया। हादसे में हमारा सब कुछ तबाह हो गया है। हम लोग अपने बच्चों को लेकर सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। पांच दिन बाद प्रशासन से हमें मुआवजे की उम्मीद बंधी, लेकिन वो भी मकानों की मरम्मत के लिए दिए जाने वाले मुआवजे की 6500 रुपये की धनराशि सुनकर टूट गई। हम अपने बच्चों को कहां ले जाएं।

 



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