
कांग्रेस के साथ मायावती और अखिलेश ने दी प्रतिक्रिया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। उनके इस संबोधन के बाद यूपी से जुड़ी पार्टियों की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस के साथ सपा और बसपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
‘जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला, उनके लिए भाजपा ने क्या किया’
राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही?
मायावती ने बताया हवा-हवाई
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे हवा-हवाई करार दिया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति जी ने पिछले दस वर्षों की जो उपलब्धियां गिनाईं हैं वह सब हवा-हवाई हैं। ये सब जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कतई गंभीर नहीं दिख रही है। आने वाले पांच वर्षों का जो रोड मैप पेश किया गया है उसमें भी खास दम नहीं है।
राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं- कांग्रेस
कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है।’ आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल की कड़ी निंदा की थी। 24 जून को लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही पीएम मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान आपतकाल को देश पर काला धब्बा करार दिया था। उधर, लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने भी एक प्रस्ताव पढ़ा। उन्होंने आपातकाल देश को संविधान पर हमला करार दिया था।