संघ प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को निरालानगर शाखा में पांचवीं से लेकर स्नातक तक के करीब 200 स्वयंसेवकों से मिले। उन्होंने शाखाओं को बढ़ाने और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शरीर और मन से पूरी तरह स्वस्थ रहने का संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने स्वयं सेवकों से कहा कि अच्छे भाव से चरित्र का निर्माण के लिए काम करना चाहिए। राष्ट्र को जीवन में सर्वोपरि मानते हुए प्रत्येक कार्य करने को कहा।

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इस दौरान भागवत ने सभी को शाखा का महत्व बताया। साथ ही संघ का जीवन में क्या महत्व है, इसकी भी जानकारी दी। उन्होंने शरीर सौष्ठव के कई अभ्यास भी स्वयंसेवकों से कराए। शाखा के मुख्य शिक्षक रुद्र से उन्होंने शाखा पर किए जाने वाले सभी अभ्यास और दिनचर्या के बारे में बात की। इसी तरह पार्थ, अग्नि, अक्षत, विट्ठल, अथर्व, अनमोल सहित सभी स्वयंसेवकों ने संघ प्रमुख के समक्ष शारीरिक सौष्ठव का प्रदर्शन किया।

इसके बाद संघ प्रमुख वही पास में रहने वाले शाखा पालक डॉ. अनुपम दुबे के घर गए। वहां उन्होंने कई पुराने स्वयंसेवकों और टोली के साथ बैठक की। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और अन्य सामाजिक गतिविधियों को लगातार करने की बात कही। इस अवसर पर प्रांत प्रचारक श्रीराम सहित संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी मौजूद रहे।



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