बताया कि ज्यादातर मुकदमों में वह बरी हो चुका था। पुलिस उनके घर पर आती थी, जिस कारण वे अरशद को पुलिस के सामने पेश करना चाहते थे, लेकिन वह डर के मारे इधर-उधर रिश्तेदारियों व अन्य स्थानों पर उनसे इधर-उधर छिपता फिर रहा था। उसके पास कोई फोन नहीं था। मंगलवार सुबह को उन्हें फोन पर सोशल मीडिया पर अरशद के मुठभेड़ में मारे जाने की जानकारी मिली।
सतीश के परिजन बोले- उन्हें शव दिखाए बिना पोस्टमार्टम न कर देना
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए करनाल के अशोक विहार निवासी सतीश के परिजन व रिश्तेदार मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। भाई बंटी ने बताया कि सतीश के 18 और 13 वर्ष की दो लड़की हैं। उसकी पत्नी की करीब साढ़े तीन साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। बताया सतीश सोमवार दोपहर शादी में जाने की बात कहकर घर से गया था। इसके बाद उसका मोबाइल फोन स्विच हो गया। थाना मधुबन पुलिस ने उन्हें सतीश के मुठभेड़ में मारे जाने की जानकारी दी। बंटी का कहना है कि सतीश पर करीब 20 साल पहले मारपीट का एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें वह बरी हो चुका था।
परिजनों ने पोस्टमार्टम से पहले सतीश का शव दिखाने की मांग की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। इसे लेकर पुलिस व परिजनों के बीच नोकझोंक हुई। परिजनों ने पुलिस से कहा कि उन्हें शव दिखाए बिना पोस्टमार्टम न किया जाए। अगर ऐसा किया तो वे शव को नहीं ले जाएंगे और इस मामले में आगे तक जाएंगे। अगर मुख्यमंत्री तक प्रयागराज भी जाना पड़ा तो वहां भी जाएंगे।
15 दिन पहले शामली में काम देखने की बात कहकर घर से गया था मंजीत
शामली एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए जिला सोनीपत के गांव रोहट निवासी मंजीत की बहन रीनू देर शाम परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची। रीनू ने बताया कि वह तीन बहन और दो भाई थे। मंजीत सबसे छोटा था। बड़े भाई की कई साल पहले मौत हो गई थी। माता-पिता की भी मौत हो चुकी है। मंजीत के चार माह का लड़का है। उसकी पत्नी का नाम सोनम है। उसने बताया कि मंजीत 10-15 दिन पहले घर से शामली में काम देखने की बात कहकर गया था। इसके बाद मोबाइल फोन पर कई बार बात हुई।