Shri Ram family temple will be every village of country Headquarters in Varanasi

रामायण
– फोटो : सोशल मीडिया

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देश के गांव-गांव में श्रीराम परिवार का मंदिर स्थापित होगा। मंदिर में दर्शन के लिए जाति और धर्म की कोई बाध्यता नहीं होगी। सबसे खास बात यह है कि देशभर में स्थापित होने वाले श्रीराम परिवार मंदिर का मुख्यालय श्रीराम संबंध मंदिर बनारस के लमही में ही बन रहा है। श्रीराम परिवार मंदिर में आदिवासी, दलित, महिला व किन्नर पुजारी होंगे। पुजारी बनने के लिए इन्हें बस भगवान राम के दर्शन करने होंगे और उनके नाम की दीक्षा लेनी होगी।

भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए संयुक्त परिवार को जोड़ने के लिए गांव-गांव में श्रीराम परिवार मंदिर की स्थापना की योजना रामपंथ ने तैयार की है। श्रीराम परिवार मंदिर में भगवान राम-सीता, लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी, शत्रुघ्न-श्रुतिकीर्ति और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इन मंदिरों में दलित, आदिवासी, महिला और किन्नर पुजारी के रूप में नियुक्त किए जाएंगे।

पहले चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 1100 दलित, आदिवासी, किन्नर और महिलाओं को पुजारियों के रूप में दीक्षित किया जाएगा। इन सभी की नियुक्ति देश भर में बनने वाले श्रीराम परिवार मंदिरों में बतौर पुजारी की जाएगी। रामचरित मानस को केंद्र में रखकर राम नाम जप से ही पूजा, पाठ और अनुष्ठान होंगे। श्रीराम परिवार मंदिर की स्थापना पहले चरण में सोनभद्र, बनारस, जौनपुर और अमेरिका के कंसास शहर में होगी।

रामपंथ के प्रमुख डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जाति, धर्म और पंथ से ऊपर उठकर श्रीराम परिवार मंदिर स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। इसमें महिला, पुरुष और किन्नर कोई भी राम नाम की दीक्षा और भगवान राम का दर्शन करके पुजारी बन सकता है। भारत के गांव-गांव में श्रीराम मंदिर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी इन मंदिरों को स्थापित करने की योजना है।



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