syrups being used to suppress cough are causing pneumonia Don't make this mistake

खांसी सिरप (सांकेतिक)
– फोटो : संवाद

विस्तार


आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में निमोनिया और बिगड़े जुकाम-खांसी के मरीज बढ़ गए हैं। इसकी वजह उनकी खुद की डाॅक्टरी है। डॉक्टरों का कहना है कि परिजन खांसी दबाने का सिरप पिला देते हैं, जिससे हालात खराब हो रहे हैं।

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एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव ने बताया कि मौसम बदलने से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। अभी 180 से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। इनमें से 40-50 बच्चों में निमोनिया, फेफड़ों में संक्रमण और बिगड़ा जुकाम-खांसी मिल रहा है। 8-10 बच्चे भर्ती करने पड़ रहे हैं।

पूछताछ में परिजन ने बताया कि खांसी होने पर घर में रखा सिरप पिला दिया था। दरअसल, कफ सिरप दो तरह के होते हैं। मेडिकल स्टोर से खांसी रोकने वाला सिरप लेकर पिला देते हैं। इससे उस वक्त खांसी थम जाती है। बलगम रुकने पर फेफड़ों में संक्रमण, निमोनिया हो रहा है।

निश्चित समय तक खांसी-जुकाम फेफड़ों के लिए ठीक होता है। इससे फेफड़ों में गंदगी या फिर अन्य तत्व पहुंचने पर खांसी के जरिये यह साफ हो जाता है। इन्हीं को देखते हुए चिकित्सक खांसी का सिरप मरीज के लिए तय करते हैं।

उल्टी-दस्त की भी परेशानी

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बताया कि मौसम में बदलाव के चलते बच्चों में वायरल निमोनिया अधिक मिल रहा है। तेज खांसी, जुकाम और खांसी हो रही है। उल्टी-दस्त की भी परेशानी मिल रही है। बिना डॉक्टरी परामर्श के परिजन बच्चों को दवाएं खिला रहे हैं। खांसी ठीक नहीं होने पर सिरप भी ओवरडोज दे रहे हैं।

इन बातों का रखें ख्याल:

– बच्चों को आइसक्रीम-कोल्डड्रिंक से बचाएं।

– बुखार-खांसी पर चिकित्सकीय परामर्श से दवाएं दें।

– सुबह-शाम बच्चों को वन लेयर गर्म कपड़े पहनाएं।

– भोजन से पहले हाथों को साबुन से साफ करवाएं।

 



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