Taj Mahotsav dance drama Yada Yada Hi Dharmasya staged in Surasadan

नृत्य नाटिका का मंचन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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चौसर की बिसात, शकुनि की चालें, छल और कपट से भरे पासे, तार-तार होता द्रोपदी का स्वाभिमान और जिससे उपजा महाभारत का विध्वंस। जिसमें छिपा था गीता का ज्ञान। यह सब मंगलवार को सूरसदन में जीवंत हुआ। मौका था ताज महोत्सव के तहत आयोजित नृत्य नाटिका ‘यदा यदा हि धर्मस्य’ का।

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नृत्य नाटिका की अद्भुत प्रस्तुति ने कभी दर्शकों की आंखों को भिगोया। कभी क्रोध से मुठ्ठियां भींचने को मजबूर किया। गीता का ज्ञान गूंजा, तो दर्शक भावविभोर हो उठे। संस्कार भारती के चितचोर फाउंडेशन की इस नृत्य नाटिका में शहर के चिकित्सकों ने भूमिकाएं निभाईं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. पंकज नगायच ऋषि वेद व्यास बने। डॉ. सुरेंद्र पाठक ने श्रीकृष्ण, डॉ. अनूप दीक्षित ने शकुनि, डॉ. योगेश सिंघल ने दुसाशन, डॉ. अनुराग गुप्ता ने दुर्योधन, डॉ. संजय अरोरा ने युधिष्ठर की भूमिका निभाई।

डॉ. अनुपम त्यागी, अवंती गोयल, डॉ. सुनीता पंजवानी, शौर्य पाठक, डाॅ. कनिका गोयल, डॉ. मनीष गोयल, पल्लवी गोयल, मेघा अग्रवाल, रश्मि सक्सेना, डॉ. साक्षी मिश्रा ने भी भूमिकाएं निभाईं। संचालन डाॅ. पूजा नगायच, डॉ. रेनू अग्रवाल और डॉ. अर्चना सिंघल ने किया। शुभारंभ राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया।

 



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