The budget of Ayurveda college is over and patients are not getting food


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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। आयुर्वेद कॉलेज में भर्ती रोगियों को नाश्ता और सुबह-शाम का खाना मिलना बंद हो गया है। इसकी वजह अभी तक बजट नहीं मिलना है।आयुर्वेद कॉलेज में रोजाना औसतन 250 रोगी उपचार के लिए आते हैं। इनमें से कई रोगियों को भर्ती किया जाता है। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि वार्डों में रोजाना औसतन 20-25 रोगी भर्ती रहते हैं। इन्हें नाश्ता और भोजन दिया जाता है। 31 मार्च तक भर्ती रोगियों को खाना दिया गया और बजट में सिर्फ नौ रुपये बचे है। इस वजह से एक अप्रैल से भर्ती रोगियों का नाश्ता और भोजन बंद कर दिया गया है।भर्ती रोगियों का नाश्ता और भोजन बंद होने के बारे में उच्चाधिकारियों को बताकर जल्द से जल्द बजट भेजने के लिए कहा गया है मगर अभी तक नहीं आया है। गत वर्ष शासन से चार लाख रुपये का बजट दो किस्त में मिला। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. रामकृष्ण राठौर का कहना है कि बजट खत्म होने की वजह से भर्ती होने वाले रोगियों का नाश्ता, सुबह-शाम का खाना बंद किया गया है। शासन से बजट मिलने के बाद ही यह व्यवस्था शुरू हो सकेगी।इस व्यवस्था के बंद होने से मरीजों के साथ आए तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।



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