{“_id”:”6774fb2f5dab9d71bb03cfd0″,”slug”:”the-youth-of-jhansi-are-giving-wings-to-dreams-with-their-unique-thinking-jhansi-news-c-11-1-jhs1032-464776-2025-01-01″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jhansi News: नायाब सोच से सपनों को पंख दे रहे झांसी के युवा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप के लिए एक लाख का चेक प्राप्त करते विपुल और हिमांशु – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कोई युवा अपने आइडिया को स्टार्टअप में बदलकर तो कोई अपने खेल से तो कोई पढ़ाई से देश-विदेश में झांसी का नाम रोशन कर रहा है। अपने दम पर नए-नए क्षेत्रों में नई इबारत लिख रहे हैं। किसी का लक्ष्य लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना है तो किसी का नए खिताब जीतना। झांसी के युवा अपनी नायाब सोच से अपने सपनों को साकार करने में तो लगे ही हैं। साथ ही वे अन्य को भी प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ युवाओं ने पुराने साल के अनुभव और साथ ही नए साल के संकल्प अमर उजाला से साझा किए।
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लड़कियांबनेंआत्मनिर्भर, यहीमेरालक्ष्य
हर्षाली ढापले को उनके स्टार्टअप डिजिडिऑर के लिए बेस्ट फीमेल स्टार्टअप का खिताब मिला है। साथ ही उन्हें 25 हजार का नकद पुरस्कार भी दिया गया है। नगर निगम के राइज इंक्यूबेशन सेंटर में स्थापित यह एक जीरो वेस्ट आधारित सोशल मीडिया मार्केटिंग स्टार्टअप है। उनका कहना है कि आगे आने वाले साल में भी वे महिलाओं को ही अपने स्टार्टअप में जगह देना चाहती हैं। ताकि झांसी की ज्यादा से ज्यादा लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें। बताया कि जो कुछ नया सीखने में दिलचस्पी रखते हों और जिनमें क्रिएटिविटी हो ऐसे लोग उनसे जुड़ सकते हैं।
सिर्फसोचेंनहींक्रियान्वयनशुरुकरें
निंबस गेमिंग के संस्थापक हिमांशु प्रजापति और विपुल सिंह परमार को इस साल का सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप चुना गया। इस के साथ ही उन्हें एक लाख का नकद पुरस्कार भी दिया गया। उन्होंने कहा कि जो युवा हमसे या हमारे जैसे किसी टेक स्टार्टअप से जुड़ना चाहते हों उनमें इसकी बेसिक जानकारी होना जरूरी है। साथ ही हर रोज खुद को अपग्रेड करने और सीखने की ललक होनी चाहिए। कोडिंग तो सीख ही जाते हैं। कहा कि जो युवा अपना स्टार्टअप शुरु करना चाहते हैं। वे बैठ कर सिर्फ विचार ही न करते रहें। अपने आइडिया पर काम करना शुरु करें। इसके लिए दूसरे सफल व्यक्तित्वों को पढ़ें और उनसे प्रेरणा लें।
एनसीसीबनाताहैअनुशासितऔरआत्मनिर्भर
मोहिनी यादव बीकेडी कॉलेज से परास्नातक में कुलाधिपति पदक विजेता हैं। उन्होंने पहली बार में ही नेट जेआरएफ भी पास किया। साथ ही उन्होंने एनसीसी में ए ग्रेड के साथ बी और सी प्रमाणपत्र भी हासिल किया। उन्होंने कहा कि इस साल वे शैक्षणिक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना और शोध के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य कोई भी हो कड़ी मेहनत के साथ नियमितता और अनुशासन बहुत जरूरी है। सलाह दी कि वे भी एनसीसी से जुड़ें, यह अनुशासित, आत्मनिर्भर और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला व्यक्तिव बनाने में मदद करता है।
उतारचढ़ावजीवनकाअंग,नहोंनिराश
जूनियर एशिया कप हॉकी चैंपियनशिप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका रखने वाली झांसी की ज्योति सिंह परिहार, टीम की कप्तान भी हैं। उन्होंने कहा नया साल चुनौतियों से भरा है। अब उन्हें आने वाली सीनियर चैंपियनशिप में जगह बनानी है। उन्होंने अपने जूनियर्स को सलाह दी कि वे जो कुछ भी करना चाहते हैं उसे पूरे मन से करें। उतार चढ़ाव जीवन का अंग हैं। कभी निराश न हों और लक्ष्य की ओर केंद्रित रहें।
वेबसाइटपरनिशुल्कमिलेगीशिक्षणसामग्री
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शोध छात्र ऋतिक पटेल ने इंस्टाग्राम पर @bujhansifamily नाम से अपना पेज बनाया। इस पर वे युवाओं से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं। इस पर अभी साढ़े छह हजार से ज्यादा युवा जुड़े हैं। उनका कहना है कि इस प्लेटफॉर्म से उनका उद्देश्य छात्रों को केवल जानकारी देने तक सीमित नहीं, बल्कि नए साल में वेबसाइट के जरिए छात्रों को शिक्षा से जुड़े विषय मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे।