लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो रचना बेड पर मृत पड़ी थी। उसके दाहिने तरफ चार साल की बेटी वैष्णवी का शव पड़ा था। मां-बेटी के मुंह से झाग भी निकल रहा था। सात साल का बेटा वैभव फर्श पर मृत पड़ा था। बेड के पास ही एक अंगीठी रखी थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि रात को ठंड से बचाव के लिए अंगीठी जलाई होगी। सीओ अरविंद चौरसिया और कोतवाल राजेश पाठक पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने अंगीठी के साथ बच्ची के पास पड़ी दूध की बोतल और नाक के स्वाब का सैंपल लिया है। आलोक को सूचना दी गई है, वह उन्नाव के लिए निकल चुके हैं।
खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद हुई तीनों की मौत
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के अनुसार मां-बेटे की मौत खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद हुई थी। अनुमान है कि रात करीब दस बजे तीनों की सोते समय हालत बिगड़ी और कार्बन मोनो ऑक्साइड के प्रभाव से कमरे में ऑक्सीजन की कमी हुई जो मौत की वजह बनी। रिपोर्ट के अनुसार तीनों के फेफड़े काम करना बंद कर दिया था।
सुबह रिसीव नहीं हुआ फोन
सूबेदार आलोक सिंह 13 अक्तूबर 2024 को बेटे वैभव के जन्मदिन पर घर आए थे। एक महीने तक परिवार के साथ रहने के बाद 20 नवंबर को वह ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने परिवार के लोगों से फोन पर बात करते हुए बताया कि उन्हें क्या पता था कि वह परिवार से आखिरी बार मिलकर जा रहे हैं। लद्दाख में ड्यूटी पर तैनात सूबेदार आलोक रोज रात और सुबह पत्नी एवं बच्चों से बात करते थे। रविवार रात आठ बजे उनकी पत्नी से फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। सोमवार सुबह भी फोन किया था लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
16 साल पहले हुई थी आलोक और रचना की शादी
नौकरी लगने के बाद आलोक की 13 जुलाई 2009 में फतेहपुर चौरासी थाना इलाके के भड़सर नौसहरा में रचना से शादी हुई थी। जिस समय शादी हुई थी आलोक की तैनाती केरल में थी। वह रचना को लेकर भी गया था। बेटे और बेटी का जन्म भी वहीं हुआ था। वर्ष 2023 में लद्दाख में पोस्टिंग होने के बाद आलोक ने पत्नी और बच्चों को पहले गांव भेजा, फिर बेटे की पढ़ाई के लिए बांगरमऊ के मोहल्ला न्यू कटरा में किराए के घर पर रखा। साल 2024 में अपना दो मंजिला घर बनवाकर वसंत पंचमी पर गृहप्रवेश कराया था। पत्नी और बच्चे वहीं रहते थे।