Unnao News Mother and Two Children Die of Suffocation from Coal Stove in Closed Room

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Unnao News
– फोटो : अमर उजाला

Unnao Suffocation Incident: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ में मोहल्ला कटरा निवासी सेना में सूबेदार की पत्नी और दो बच्चों के शव सोमवार सुबह कमरे के अंदर मिले। कमरे में कोयले की अंगीठी रखी थी। पोस्टमार्टम में दम घुटने से तीनों की मौत की पुष्टि हुई है। बांगरमऊ कोतवाली के मोहल्ला कटरा निवासी आलोक सिंह सेना में सूबेदार हैं। इस समय वह लद्दाख में तैनात हैं। सोमवार सुबह उन्होंने पत्नी रचना सिंह उर्फ नीशू (35) को कई बार फोन मिलाया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। घर से करीब 11 किलोमीटर दूर पैतृक गांव फतेहपुर चौरासी निवासी चचेरे भाई पंकज को फोन कर जानकारी करने के लिए कहा। पंकज सुबह 10 बजे बांगरमऊ पहुंचा और दरवाजे खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पंकज पड़ोसी की छत से घर में दाखिल हुआ। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।

 




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उन्नाव हादसा
– फोटो : amar ujala

लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो रचना बेड पर मृत पड़ी थी। उसके दाहिने तरफ चार साल की बेटी वैष्णवी का शव पड़ा था। मां-बेटी के मुंह से झाग भी निकल रहा था। सात साल का बेटा वैभव फर्श पर मृत पड़ा था। बेड के पास ही एक अंगीठी रखी थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि रात को ठंड से बचाव के लिए अंगीठी जलाई होगी। सीओ अरविंद चौरसिया और कोतवाल राजेश पाठक पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने अंगीठी के साथ बच्ची के पास पड़ी दूध की बोतल और नाक के स्वाब का सैंपल लिया है। आलोक को सूचना दी गई है, वह उन्नाव के लिए निकल चुके हैं।


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उन्नाव हादसा
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खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद हुई तीनों की मौत

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के अनुसार मां-बेटे की मौत खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद हुई थी। अनुमान है कि रात करीब दस बजे तीनों की सोते समय हालत बिगड़ी और कार्बन मोनो ऑक्साइड के प्रभाव से कमरे में ऑक्सीजन की कमी हुई जो मौत की वजह बनी। रिपोर्ट के अनुसार तीनों के फेफड़े काम करना बंद कर दिया था।


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उन्नाव हादसा
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सुबह रिसीव नहीं हुआ फोन

सूबेदार आलोक सिंह 13 अक्तूबर 2024 को बेटे वैभव के जन्मदिन पर घर आए थे। एक महीने तक परिवार के साथ रहने के बाद 20 नवंबर को वह ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने परिवार के लोगों से फोन पर बात करते हुए बताया कि उन्हें क्या पता था कि वह परिवार से आखिरी बार मिलकर जा रहे हैं। लद्दाख में ड्यूटी पर तैनात सूबेदार आलोक रोज रात और सुबह पत्नी एवं बच्चों से बात करते थे। रविवार रात आठ बजे उनकी पत्नी से फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। सोमवार सुबह भी फोन किया था लेकिन रिसीव नहीं हुआ।


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16 साल पहले हुई थी आलोक और रचना की शादी

नौकरी लगने के बाद आलोक की 13 जुलाई 2009 में फतेहपुर चौरासी थाना इलाके के भड़सर नौसहरा में रचना से शादी हुई थी। जिस समय शादी हुई थी आलोक की तैनाती केरल में थी। वह रचना को लेकर भी गया था। बेटे और बेटी का जन्म भी वहीं हुआ था। वर्ष 2023 में लद्दाख में पोस्टिंग होने के बाद आलोक ने पत्नी और बच्चों को पहले गांव भेजा, फिर बेटे की पढ़ाई के लिए बांगरमऊ के मोहल्ला न्यू कटरा में किराए के घर पर रखा। साल 2024 में अपना दो मंजिला घर बनवाकर वसंत पंचमी पर गृहप्रवेश कराया था। पत्नी और बच्चे वहीं रहते थे।

 




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