Rs 5500 crore will be saved from financial management state government is preparing for three major reforms

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : istock

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प्रदेश सरकार वित्तीय प्रबंधन की मौजूदा व्यवस्था में बड़े सुधार की तैयारी कर रही है। इनसे हर साल करीब 55 सौ करोड़ रुपये बचाए जा सकेंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार है। इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।

प्रदेश को 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में निर्माण कार्यों पर बड़ी राशि खर्च की जानी है। चालू वित्त वर्ष के बजट से ऐसा दिखना शुरू भी हो गया है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि यदि निर्माण परियोजनाओं से संबंधित सेंटेज चार्ज, निर्माण लागत व वित्तीय स्वीकृति आदि से संबंधित वित्तीय प्रबंधन की व्यवस्था में बदलाव किया जाएं तो प्रतिवर्ष करीब 55 सौ करोड़ रुपये बच सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि वित्त विभाग ने सेंटेज चार्ज फ्लैट की जगह स्लैब में करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसी तरह परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति की नई व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। निगम आधारित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उनको अवमुक्त की गई धनराशि पर होने वाले ब्याज को राजकोष में जमा किए जाने की व्यवस्था तीसरा सुधार है।

सेंटेज की एक समान दर होगा समाप्त

वर्तमान में विभागीय निर्माण विभागों और निगम आधारित कार्य संस्थाओं में सेंटेज की एक समान दर 12.50 प्रतिशत लागू है। इसे समाप्त किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग आदि के विभागीय कार्यों पर सेंटेंज 6.875 प्रतिशत को परियोजना की लागत पर जोड़ने की व्यवस्था समाप्त करने की तैयारी है।



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