“मेरे बेटे से थूक चटवाया। 30 चांटे मारे गए। वह दहशत में है। तनाव से उबर नहीं पा रहा है। स्कूल प्रबंधन ने कुछ नहीं किया। कैसे स्कूल भेज सकता हूं। अब दिल्ली पब्लिक स्कूल में नहीं भेजूंगा। दूसरे स्कूल में प्रवेश दिलाऊंगा।”
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“मेरे बेटे से थूक चटवाया। 30 चांटे मारे गए। वह दहशत में है। तनाव से उबर नहीं पा रहा है। स्कूल प्रबंधन ने कुछ नहीं किया। कैसे स्कूल भेज सकता हूं। अब दिल्ली पब्लिक स्कूल में नहीं भेजूंगा। दूसरे स्कूल में प्रवेश दिलाऊंगा।”
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