
समीक्षा बैठक में सीएम योगी।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सोमवार को कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व के रूप में मिलने वाली धनराशि जनता की है। इसलिए यह धनराशि उनके कल्याण पर ही खर्च होंगे। वहीं, राज्यकर विभाग में सबसे मलाईदार माने जाने वाले सचल दल और एसआईबी शाखा के कामकाज पर अब मुख्यमंत्री खुद नजर रखेंगे। इसके लिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इन दोनों शाखाओं की रिपोर्ट हर महीने उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं
मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पहली तिमाही में प्रदेश में 51 हजार करोड़ से अधिक के राजस्व संग्रह पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा यह पैसा जनता के कल्याण पर ही खर्च होगा। राजस्व चोरी को राष्ट्रीय क्षति बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी चोरी रोकने के भी निर्देश दिए हैं। राज्य कर की विशेष जांच शाखा और सचल दल इकाइयों की सक्रियता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि उनके टारगेट तय करें और प्रदर्शन की रिपोर्ट हर महीने मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराएं। उन्होंने ये भी कहा कि हाल में उनकी सजगता से कर चोरी पर रोक में सफलता मिली है लेकिन अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है।
पहली तिमाही में जीएसटी/वैट से लगभग 28 हजार करोड़, एक्साइज से 12 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से 7500 करोड़, परिवहन से 3 हजार करोड़, ऊर्जा से 733 करोड़ और भू-राजस्व से 114 करोड़ से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल जनता पर किया जाएगा। प्रदेश में अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि आज यहां 31 लाख से अधिक जीएसटी पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाने के साथ राजस्व संग्रह के नये स्रोत बनाने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए नियमों को सरल बनाएं व तकनीक अपनाएं।
फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिले, दलाल मुक्त आरटीओ आफिस हों
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-ग्राहकों के बीच समस्याओं का समाधान जल्द करें। हर ग्राहक के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब की गतिविधियों पर रोक लगी है। बिना परमिट वाहनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि बिना फिटनेस और बिना परमिट का एक भी वाहन सड़क पर नहीं आना चाहिए। सघन जांच करें लेकिन आवागमन बाधित कर नहीं होना चाहिए। आरटीओ कार्यालयों को दलालों से मुक्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि ये लोग व्यवस्था में बाधक हैं।