UP: Electricity workers announced all-out fight, said- there will be a struggle till the privatization proposa

यूपी में बिजली व्यवस्था।
– फोटो : अमर उजाला।

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 पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण प्रस्ताव के विरोध में बिजली कर्मियों का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। कर्मचारियों ने एलान किया है कि जब तक प्रस्ताव निरस्त नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से चल रहे आंदोलन के क्रम में शनिवार को शक्ति भवन, विभिन्न परियोजना मुख्यालयों एवं बिजली कार्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। 

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कर्मचारियों ने कहा कि दोनों निगमों की रेटिंग नंबर बढ़ा है, इसके बाद भी इनका निजीकरण उचित नहीं है। प्रदेश में आरडीएसएस स्कीम के तहत विद्युत वितरण निगमों का नेटवर्क सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बिजली कर्मियों के परिश्रम का परिणाम है कि विद्युत वितरण निगम लगातार सुधार की ओर बढ़ रहे हैं।

विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा दक्षिणांचल ने वर्ष 2023-24 में प्रति यूनिट बिजली विक्रय कर 04.47 प्रति यूनिट राजस्व वसूली की है, जो आगरा में टोरेंट पावर कंपनी से मिलने वाले राजस्व 4.36 प्रति यूनिट से अधिक है। दक्षिणांचल के तहत बुंदेलखंड और चंबल का क्षेत्र आता है। यहां के गांवों से बिजली का राजस्व बहुत कम है। इसके बावजूद दक्षिणांचल ने टोरेंट की तुलना में प्रति यूनिट अधिक राजस्व जुटाया है। महाकुंभ में दिनरात बिजली कर्मी परिश्रम कर रहे हैं। वहां आंदोलन भी नहीं किया गया फिर भी निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त नहीं किया जा रहा है। समिति ने मुख्यमंत्री से निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त कराने की गुहार लगाई है।

 



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