{“_id”:”67b5f3c8cb22a394b0002b7d”,”slug”:”up-legislative-council-consideration-of-providing-medical-facilities-to-teachers-of-aided-colleges-issue-of-2025-02-19″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”यूपी विधान परिषद: एडेड कॉलेजों के शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा देने पर विचार, उठा वित्तविहीन टीचरों का मुद्दा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
सदन में हुई कार्यवाही। – फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों-कर्मचारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने पर सरकार विचार करेगी। यह आश्वासन बुधवार को विधान परिषद में सरकार की तरफ से श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने दिया। परिषद में नियम 105 के तहत शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एडेड कॉलेजों के शिक्षकों-कर्मचारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा दिए जाने का मुद्दा उठाया। वहीं राजभर ने यह भी सुझाव दिया कि सीएम विवेकाधीन कोष में सहायता के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है।
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वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज देने का उठा मुद्दा
विधान परिषद में नियम 105 के तहत निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डॉ. आकाश अग्रवाल ने कोविड-19 आपदाकाल में वित्तविहीन शिक्षकों को कोई राहत पैकेज न दिये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। सरकार की तरफ से श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही के लिए संदर्भित किए जाने के निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा में भी नोशनल वेतन वृद्धि देने पर हो विचार
विधान परिषद में नियम 110 के तहत एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी व अक्षय प्रताप सिंह ने एडेड महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी नोशनल वेतन वृद्धि के लिए शासनादेश जारी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसा न करके सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार है। जबकि प्रदेश के राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों को इसका लाभ देने का आदेश हो चुका है।