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यूपी निकाय चुनाव का पहला चरण संपन्न होने के साथ ही शासन स्तर पर निकायों के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। दूसरे चरण का चुनाव होने के बाद परिणाम आने में बमुश्किल एक सप्ताह बचा है, इसलिए शासन की कोशिश है कि परिणाम आने के एक सप्ताह के भीतर ही सभी निर्वाचित महापौर और अध्यक्षों को शपथ दिलाने के साथ ही निकायों के गठन का काम पूरा करा लिया जाए। इसके लिए सभी डीएम को अधिकृत करने का विचार है। जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।
नगर विकास विभाग ने इसके लिए खाका खींचना शुरू कर दिया है। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव का परिणाम दिसंबर में आया था और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शपथ तो जल्द ही दिला दी गई थी, लेकिन निकाय बोर्ड की बैठक काफी देर से हुई थी।
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कई निकायों में तो शपथ ग्रहण के महीने भर बाद बोर्ड की पहली बैठक हो पाई थी। चूंकि अधिनियम में गठित निकायों का कार्यकाल बोर्ड की पहली बैठक के दिन से जोड़ा जाता है, इसलिए देर से बोर्ड की बैठक होने से कई निकायों का कार्यकाल इस वर्ष जनवरी के अंत तक खत्म हो पाया था।
इसके मद्देनजर शासन का प्रयास है कि इस बार शपथ ग्रहण कराने के साथ ही निकायों की पहली बैठक भी कुछ ही दिनों में करा दिया जाए ताकि सभी शहरी निकायों का कार्यकाल कमोबेश एक तय वक्त पर समाप्त हो। सूत्र बताते हैं कि कुछ बड़े नगर निगमों को छोड़ दिया जाए तो बाकी जगहों पर डीएम को एक साथ सभी शहरी निकायों के शपथ ग्रहण की योजना तैयार की जा रही है। यह प्रक्रिया खासकर उन जगहों पर लागू होगी जिन जिलों में नगर निगम नहीं हैं।