UP News: Deputy Director of Backward Classes, wife of hygge director summoned

ईडी
– फोटो : अमर उजाला

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छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को हाइजिया एजूकेशनल ग्रुप के संचालक इशरत हुसैन जाफरी उर्फ लकी जाफरी की पत्नी को तलब कर गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने छात्रवृत्ति घोटाले की कोई भी जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि ईडी के अधिकारियों के मुताबिक इशरत की पत्नी को पूरे प्रकरण की जानकारी थी। वहीं दूसरी ओर पिछड़ा वर्ग विभाग के उप निदेशक अजीत प्रताप सिंह को भी ईडी ने तलब किया था।

दरअसल ईडी ने समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग और दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से छात्रवृत्ति पाने वाले लाभार्थियों की जानकारियां मांगी थी। ईडी के बार-बार अनुरोध के बाद भी अधिकारी जानकारी देने से कतरा रहे थे, जिसके बाद उनको सम्मन भेजना शुरू कर दिया गया। ईडी के इस सख्त रुख के बाद मंगलवार को पिछड़ा वर्ग विभाग के उप निदेशक अजीत प्रताप सिंह समस्त छात्रों के छात्रवृत्ति के फार्म लेकर ईडी के दफ्तर लाकर अधिकारियों के सुपुर्द कर दिए। 

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने एक हजार से अधिक छात्रों के फार्म ईडी को सौंपे हैं। अब ईडी के अधिकारी इन फार्मों का परीक्षण कर पता लगाएंगे कि कहीं इन लाभार्थियों के साथ भी हेराफेरी तो नहीं की गई है। इसके अलावा 20 से ज्यादा ऐसे लोगों को भी बुलाया गया था, जिनके नाम पर हाइजिया के संचालकों ने फर्जी बैंक खाते खोले थे। ईडी के अधिकारियों ने इनके बयान दर्ज किए है ताकि हाइजिया के संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसने में अासानी हो।

डीएम की अध्यक्षता में समिति

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ईडी की जांच केंद्र सरकार की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति की गड़बड़ियों से संबंधित है। प्रदेश में जिन गरीबों, अल्पसंख्यकों, दिव्यांगों आदि को छात्रवृत्ति दी जाती है, उसके लिए सॉफ्टवेयर बना हुआ है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए लाभार्थियों का खाता उनके आधार से लिंक होता है, जिसकी वजह से गड़बड़ी होना मुश्किल है। वहीं डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति इसकी मॉनीटरिंग करती है, जिसमें जनपदों के सीडीओ भी शामिल रहते हैं। फिलहाल प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का कोई मामला बीते कुछ वर्षों में सामने नहीं आया है।

कर्मचारियों को भी ठगा

हाइजिया ने अपने कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा था। जांच में सामने आया है कि तमाम कर्मचारियों को उनके खाते में तनख्वाह देने के बाद उनसे आधी से अधिक रकम वापस ले जाती है। जांच के दौरान ऐसे कई कर्मचारियों ने हाइजिया के संचालकों की इन करतूतों का खुलासा किया है।



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