
झांसी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में ‘द्रौपदी चीरहरण – 21वीं सदी के परिपेक्ष्य में नाटक का मंचन किया गया। नाटक में मां-बेटी के किरदारो में संवाद के जरिए चीरहरण के उदाहरण के से गुड टच और बेड टच के बारे में बताया गया। उठो द्रौपदी अब गोविंद न आएंगे के उद्घोष के साथ सभागार तालियों से गूंज उठा। दुर्गा के किरदार के जरिए महिला सशक्तिकरण को बखूबी दर्शाया गया। दुशासन के वध का गुलाल की मदद से सजीव वर्णन किया गया। नाटक में निर्देशक के रूप मे ं ओजस्वी भट्ट, पटकथा लेखक के तौर पर रजनीश, इरम, अंश सिंह, राधिका राठौड़, साक्षी, प्राप्ति, गौरी, सारांश, शिवम, आयुष आदि शामिल रहे। ब्यूरो