
मार्च में अधिकतम तापमान औसत सामान्य पारे से 2.4 डिग्री सेल्सियस (32.5 डिग्री) अधिक रहा है। सामान्य औसत तापमान 30.9 डिग्री है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अप्रैल में भी सामान्य से अधिक पारा रहेगा। अप्रैल का औसत अधिकतम तापमान 37.7 डिग्री सेल्सियस है। विज्ञानियों का अनुमान है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री पर पहुंच जाएगा।
हिमालयी क्षेत्र से आ रहीं उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के थमते ही तपिश अपना रंग दिखाने लगेगी। बादलों की आवाजाही की वजह से अब रात का न्यूनतम तापमान भी बढ़ने का पूर्वानुमान है। पहली अप्रैल मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य 34.4 डिग्री से 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अभी उत्तर-पश्चिमी हवाएं आ रही हैं। इससे दो-तीन दिन तक सुबह और रात का मौसम सुहाना रहेगा। इन हवाओं के थमते ही तपिश बढ़ने लगेगी। इसी सप्ताह पारा 40 डिग्री पर पहुंचने का अनुमान है।

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कानपुर का मौसम
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साथ ही बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। इससे ऊंचे बादलों की आवाजाही लगी रहेगी। इससे न्यूनतम तापमान बढ़ेगा। अभी रात का तापमान सामान्य 17.6 डिग्री से 1.6 डिग्री कम है। सीएसए के मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बादलों की आवाजाही पांच दिन तक बनी रहेगी। इसके साथ ही रात और दिन के तापमान बढ़ोतरी होती रहेगी। सीएसए के मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि अभी तक अप्रैल सबसे अधिक तापमान 42 डिग्री तक गया है।

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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने पर देर से बोई गई फसलों को सिंचाई की जरूरत पड़ेगी। अधिक गर्मी से गेहूं के अलावा चना, मटर, मसूर आदि फसलों के दाने सिकुड़ जाएंगे। इससे उत्पादन घटेगा। दाने का आकार भी छोटा हो जाएगा। फसलें जल्दी पक जाएंगी। इसके लिए फसलों में शाम को पानी लगाकर खेत में नमी बनाए रखें। सुबह पानी लगाने से दोपहर तेज हवाएं चलने से पौधे गिर सकते हैं।

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भीषण गर्मी
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ऐसे बढ़ेगी तपिश
उत्तर पश्चिमी हवाएं हिमालयी क्षेत्र से आती हैं। हिमालय पर बर्फबारी और बारिश होने से वहां की ठंडक हवाएं अपने साथ गंगा के मैदानी इलाकों में ले आती हैं। इससे तपिश कम हो जाती है। सुबह और रात सुहानी रहती है। हवाओं का रुख बदलने से हिमालयी ठंडक नहीं आती जिससे तपिश बढ़ती जाती है।

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धूप से बचाव करती युवतियां
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इसलिए बढ़ता रात का पारा
बादलों की चादर छाए रहने से दिन भर सूर्य निकलने से पैदा हुई गर्मी ऊपर वातावरण के पार नहीं जा पाती। इससे दिन में पैदा हुई ऊष्मा वातावरण में ही बनी रहती है। इससे रात का न्यूनतम तापमान बढ़ जाता है।
तापमान
अधिकतम- 36 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम- 15.8 डिग्री सेल्सयस