{“_id”:”67bfeac49f65d563ad0d128f”,”slug”:”agra-heritage-foundation-organized-zardozi-exhibition-and-fashion-show-at-sursadan-under-taj-mahotsav-2025-02-27″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”ताज महोत्सव 2025: परिधानों, आभूषण व चित्रों में बसा जरदोजी का जादू…सूरसदन में गूंजा विरासत का तराना”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
जरदोजी कढ़ाई से बने परिधानों को पहन मॉडल्स ने रैंप पर जलवा बिखेरा – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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सोने व चांदी मढ़े धागों से बुना जरदोजी का तानाबाना बुधवार को सूरसदन में विरासत का तराना बनकर गूंजा। परिधानों, आभूषण, पर्स, चित्रों में जरदोजी का जादू रैंप से लेकर प्रदर्शनी तक चला। मौका था ताज महोत्सव के तहत आगरा विरासत फाउंडेशन की पहल हमारी धरोहर, हमारी पहचान का।
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जरदोजी कढ़ाई से बने परिधानों को पहन मॉडल्स ने रैंप पर जलवा बिखेरा। एक से बढ़कर एक 14 डिजाइन पेश किए। जरदोजी कढ़ाई कला को विश्व पटल पर पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में पद्मश्री रईस उद्दीन शम्स को सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में जहां कालीन से लेकर पेंटिंग तक में जरदोजी ने छाप छोड़ी।
वहीं, रनवे सीक्वेंस में डॉ. रंजना बंसल टीम ने डिजाइनर लहंगा, साड़ियां प्रस्तुत कीं। अग्रज जैन ने महिला परिधान, फैजानुउद्दीन, अलर्क लाल, कीर्ति खंडेलवाल, सुकीर्ति मित्तल व रेणुका डंग ने कई कलेक्शन पेश किए। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा जरदोजी कला देव कला है। इसका वेदों में भी उल्लेख है।
दुनियाभर में नई पहचान बनाएगी
फाउंडेंशन की अध्यक्ष डॉ. रंजना बंसल ने कहा कि आगरा में सैकड़ों परिवार जरदोजी कला को समर्पित हैं। यह कला दुनियाभर में अपनी नई पहचान बनाएगी। 15 हजार से अधिक शिल्पकारों को विश्व में प्रसिद्धि दिलाना ही हमारा उद्देश्य है। ताज हेरिटेज के फैनाउद्दीन ने बताया कि जरदोजी कढ़ाई आज भी शाही घरानों की पहली पसंद है। डिजाइनर कीर्ति खंडेलवाल ने इस कला को नायाब बताया।
समन्वयक मीनाक्षी किशोर व आयुषी चौबे ने कहा स्वदेश में इस कला की कद्र होनी चाहिए। कार्यक्रम में जरदोजी कला साधकों के रूप में पद्मश्री रईस उद्दीन को लाइफ टाइम अचींवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस दौरान रुचिरा माथुर, पूनम सचदेवा, राखी कौशिक, तुलिका कपूर, हिमानी शरण, आशु मित्तल, राशि गर्ग, साक्षी सहगल आदि मौजूद रहीं।