
मगर वे स्टाफ का मामला होने व बदनामी से बचने के लिए चुप्पी साधे रहे। इसी का परिणाम रहा कि तीन वर्ष पहले यानि वर्ष 2020-22 के सत्र में एमए की एक छात्रा इस प्रोफेसर की इसी तरह की हरकतों से तंग आकर पढ़ाई बीच में छोडक़र चली गई। उसने दूसरे प्रोफेसर को विषय भी बताया था। हालांकि उन्होंने नजरंदाज करने या किसी पटल पर शिकायत करने की सलाह दी। मगर छात्रा ने पढ़ाई छोड़ दी।
इस छात्रा ने महिला अधिकारी को बताया था विषय
अब बुधवार को शिकायत भेजने वाली छात्रा ने दिसंबर माह में अपने व्हाट्सएप के जरिये कॉलेज की एक महिला अनुशासन अधिकारी को प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत भेजी दी। मगर महिला अनुशासन अधिकारी ने यह कहकर बात खत्म कर दी कि इस शिकायत में बहुत कुछ साक्ष्य नहीं हैं। इस बीच छात्रा व महिला अधिकारी के बीच करीब दस मिनट की व्हाट्सएप कॉल पर बात भी हुई थी। छात्रा की ओर से ये चेट भी शिकायत के साथ पुलिस को भेजे गए हैं।
मोबाइल में मिले अन्य छात्राओं को संदेश भेजने के साक्ष्य
प्रोफेसर को बृहस्पतिवार को हंगामे के बीच पुलिस जब निकालकर ले गई। तब उसका मोबाइल व लेपटॉप पुलिस ने अपने पास रख लिया। इस बीच मोबाइल खोलकर देखा तो आठ छात्राओं से अलग अलग संदेश भेजने के साक्ष्य मिले हैं। कुछ मैसेज डिलीट भी किए हुए हैं। इसे लेकर पुलिस अभी जांच कर रही है। जरूरत हुई तो डेटा रिकवरी कराई जाएगी।
मेहंदी लगे हाथ के फोटो मांगता था
छात्राओं को भेजे गए संदेशों पर ध्यान दें तो किसी को वह आपत्तिजनक इमोजी भेजता था। किसी के स्टेटस पर अमर्यादित टिप्पणी करता था। किसी से संदेश में मेहंदी लगे हाथ के फोटो मंगाता था। कुल मिलाकर ये सभी संदेशों पर ध्यान दें छात्रा व गुरु के रिश्ते के बीच उचित नहीं हैं।