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Life imprisonment to husband for strangulation for dowry

कोर्ट का आदेश

विस्तार

अलीगढ़ में अकराबाद के गांव भिलावटी में विवाहिता की दहेज के लिए गला दबाकर हत्या करने के दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम अनुपम सिंह की अदालत से सुनाया गया है। खास बात है कि मुकदमे में मायके पक्ष के सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए। मगर न्यायालय ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टर की गवाही के आधार पर सजा सुनाई है।

अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी केएम जौहरी के अनुसार घटना 20 सितंबर 2019 की है। वादी मुकदमा बाडी सिकंदराराऊ हाथरस के बाबूराम ने अकराबाद में मुकदमा दर्ज कराया कि उन्होंने अपनी बेटी सीमा की शादी चार वर्ष पूर्व भिलावटी के मोनू संग की थी। शादी के बाद से ही उसे दहेज में एक लाख रुपये के लिए परेशान किया जाने लगा। कई बार मारापीटा गया। बाद में वह अपने परिवार से अलग बेटी को लेकर रहने लगा। इस दौरान दंपती पर दो बच्चे भी हुए। मगर उत्पीडऩ जारी रहा। 

21 सितंबर की सुबह मोनू ने फोन पर सूचना दी कि सीमा बीमार है। इस सूचना पर जब वे आए तो अस्पताल में बेटी मृत मिली। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया और पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या किया जाना उजागर हुआ। पुलिस ने दहेज हत्या की धारा में चार्जशीट दायर की। न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान मायके पक्ष के गवाह पक्षद्रोही हो गए। मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट व डॉक्टर की गवाही के आधार पर मोनू को हत्या का दोषी करार देकर उम्रकैद व 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।

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