बाजार शुकुल (अमेठी)। गांव में रोजगार देने के लिए संचालित मनरेगा योजना ब्लॉक में श्रमिकों के लिए सिर्फ दिखावा साबित हो रही है। ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में अप्रैल माह में सिर्फ 1,054 को ही रोजगार मिला तो 20 ग्राम पंचायतों में योजना बंद पड़ी है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत शहर में लोगों का पलायन रोकने के लिए गांव में रोजगार दिया जाता है। एक अप्रैल से शासन की ओर से मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि करते हुए 230 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है। गांव में रोजगार मिल सके इसके लिए ब्लॉक क्षेत्र की 54 ग्राम पंचायतों में 40,440 श्रमिकों का जॉब कार्ड बनाया गया है।
एक अप्रैल से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में योजना ब्लॉक क्षेत्र में फ्लाप साबित हो रही है। आलम यह है कि 28 दिन बीत जाने के बावजूद सिर्फ 34 ग्राम पंचायत में ही मनरेगा योजना का काम इन दिनों गतिमान है। संचालिक कार्यों के माध्यम से एक्टिव 18,468 श्रमिकों में सिर्फ 1,054 को ही काम मिल सका है। गांव में रोजगार नहीं मिलने से 20 ग्राम पंचायतों के जॉब कार्डधारक आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पुन: शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इतना ही नहीं योजना में समय से श्रमांश व सामग्री अंश का भुगतान नहीं होने से ग्राम प्रधान भी योजना संचालित करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
इन ग्राम पंचायतों में बंद पड़ है काम
बाजार शुकुल ब्लॉक क्षेत्र के बदलगढ़, विराहिम बाजगढ़, इक्काताजपुर, खालिस बाहरपुर, मड़वा, संसारपुर, रसूलपुर, अहमदपुर, आशीषपुर, बाहरपुर, बख्तावर नगर, बरसंडा, दक्षिणगांव क्यार, दारानगर, जौदिलमऊ, महोना पूर्व, महोना पश्चिम, किशनी, बूबूपुर व मवैया रहममतगढ़ में एक अप्रैल से मनरेगा योजना का काम बंद पड़ा है।
पोर्टल पर तकनीकी कमी से प्रभावित था कार्य सीक्योर पोर्टल पर मनरेगा योजना की पुरानी मजदूरी 213 रुपये प्रदर्शित हो रही थी जबकि एक अप्रैल से मजदूरी बढ़ाकर 230 रुपये प्रतिदिन हो गई है। इस कारण पोर्टल पर कार्यों का अनुमानित आगणन अपलोड नहीं हो पा रहा था। जिससे योजना प्रभावित हो रही थी। पोर्टल की तकनीकी कमी दूर हो गई है। जल्द ही कार्यों का ब्यौरा अपलोड कर कार्य शुरू कर श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा।
– अंजली सरोज, बीडीओ