Bahraich: Court's harsh comment on police station chief and sub-inspector, these two policemen are not fit to

कोर्ट का फैसला
– फोटो : अमर उजाला

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 महिला को भरण-पोषण भत्ते की धनराशि दिलाने में लापरवाही बरतने पर पारिवारिक न्यायालय के प्रधान अपर न्यायाधीश द्वितीय कृष्ण कुमार ने बहराइच पुलिस की कार्यप्रणाली पर तल्ख टिप्पणी करते हुए नाराजगी जताई है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि एसपी बहराइच को दो बार पत्र प्रेषित किया गया। इसके बावजूद जिस तरह की आख्या थाना जरवल रोड से प्रस्तुत की है, उससे स्पष्ट होता है कि थानाध्यक्ष व तामीलकर्ता उपनिरीक्षक राणा राज सिंह सेवा में रहने लायक नहीं हैं। कोर्ट ने बहराइच एसपी की पुलिस फोर्स पर नियंत्रण से जुड़ी कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है। आदेश की प्रति पुलिस महानिदेशक को भी भेजी है। 25 फरवरी को हड़ताल के कारण मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली तिथि आठ मार्च को निर्धारित की गई है।

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थाना जरवल रोड बहराइच निवासी नफीस उर्फ कल्लू ने अदालत के आदेश के बावजूद पत्नी आफरीन व बच्चों को करीब एक लाख रुपये गुजारे भत्ते की धनराशि नहीं दी है। आफरीन की अपील पर प्रधान अपर न्यायाधीश ने नफीस की गिरफ्तारी का वारंट पिछले वर्ष जारी किया था। पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जरवल रोड थाने के उपनिरीक्षक राणा राज सिंह सात अक्तूबर 2024 से हर बार अदालत में आख्या दी कि जब भी पुलिस गिरफ्तारी के लिए जाती है, नफीस भाग जाता है।

इस पर कोर्ट ने एसपी बहराइच को चार जनवरी की पेशी के बाद संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि उच्चाधिकारी स्वयं देखें कि क्या ऐसे पुलिसकर्मी सेवा के योग्य हैं। यह प्रकरण एसपी के थानों पर नियंत्रण व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न लगाता है। 



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