
मुरादाबाद के भांतू समाज के संघर्ष की कहानी
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कुछ जातियों को अपराधशील घोषित करके उन पर प्रतिबंध लगाने का नियम 80 वर्ष पहले कार्यान्वित किया गया था। स्वतंत्रता के इस युग में यह अनुचित है कि किसी व्यक्ति विशेष को जन्म से ही अपराधी घोषित करके उसे नागरिकता के साधारण अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। अत: भारत में गणतंत्रीय शासन ने यह निर्णय लिया है कि 31 अगस्त 1952 से अपराधशील जातीय अधिनियम का अंत कर दिया जाए।
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