Bhajan singer Kanhaiya Mittal performed at Taj Festival

मंच पर प्रस्तुति देते भजन गायक कन्हैया मित्तल।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

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आगरा के ताज महोत्सव महाशिवरात्रि पर शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर माइक लेकर जैसे ही भजन गायक कन्हैया मित्तल ने जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे… गाया, दर्शकों ने उनके साथ ताल से ताल मिलाकर गीत गुनगुनाया। बुधवार की रात ताज महोत्सव के मंच पर कन्हैया मित्तल के गीतों और भजनों का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला। देर रात तक कन्हैया मित्तल ने भजन प्रस्तुत किए।

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भजन गायक कन्हैया मित्तल बुधवार रात 10 बजे मंच पर पहुंचे। उन्होंने बाबा श्याम हमारा… वाह कन्हैया वाह… हारा हूं बाबा समेत कई भजन सुनाए। शिवरात्रि होने के बाद भी बड़ी संख्या में दर्शक भजन संध्या के लिए ताज महोत्सव में पहुंचे और देर रात तक उनका आनंद लिया। कन्हैया मित्तल ने कहा कि ताज महोत्सव में प्रस्तुति देना उनके लिए गौरव का पल है। ताज महोत्सव समिति ने मोमेंटो देकर उनका सम्मान किया।

लोकगीत और नृत्य की रही धूम

अवकाश होने के कारण शिल्पग्राम में दर्शक देर रात तक जमे रहे। मुक्ताकाशीय मंच पर लोकनृत्य, लोकगीत और सुगम संगीत की धूम रही। सुजीत तिवारी और दिनेश गोस्वामी की प्रस्तुति के बाद भोजपुरी गायक राकेश उपाध्याय ने लोकगीत पेश किये। गोरखपुर से आए राकेश उपाध्याय ने महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पहली प्रस्तुति दी। बसहा चढ़ल शिव जी अइले बरियतिया डरवा लागेला, मुहवा में एकहु नइखे दांत… इसके बाद उन्होंने कुइयां के ठंडा पानी पीपल की छांव रे… और होली गीत उलारा पेश किया। राकेश उपाध्याय दुनिया भर में भोजपुरी गीत पेश करने जा चुके हैं। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था। वह संत कबीर अकादमी के सदस्य हैं।

मोहिनीअट्टम, कथकली की प्रस्तुतियां

भारतीय संस्कृति को समर्पित रही बुधवार की शाम जगदीशन एवं दीप्ति ओमचेरी भल्ला ने मोहिनी अट्टम एवं कथकली की प्रस्तुतियां दीं। केरल के दोनों शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति के दौरान दर्शकों ने तालियों से कलाकारों का स्वागत किया। शिल्पग्राम में सुगम सिंह शेखावत ने नृत्य की प्रस्तुति दी।

भोले के रंग में रंगा सदर बाजार

सदर बाजार के मंच पर महाशिवरात्रि पर भोले के गीत गाए गए। प्रवीन वर्मा और सुपर्णा वर्मा के भजन हे शम्भु बाबा…और मुकेश शर्मा ने भोले ओ भोले गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। डाॅ. अंशवाना सक्सेना की रसरंग एकेडमी के छात्र मुस्कान, अर्जुन, भूमि, प्रशंसा, परिणीति, मान्या, दिव्यांशी, शनाया, नंदिनी ने नृत्य की प्रस्तुति दी। सूर्यांश ने अपनी बासुंरी से सावन का महीना और भजन अच्युतं केशवं को सुनाया। डॉ. लाल सिंह राजपूत ने जिकड़ी लोक गायन को प्रस्तुत किया, जिसमें रामायण और महाभारत की लोक कथाओं को पेश किया गया। ढोलक पर करन सिंह, मजीरे पर केशव सिंह मौजूद रहे।



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