Dacoit Kusuma Nain Death News 12 Mallahs Shot in Line a Tale of Love, Betrayal and Gang Involvement Real Story

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Kusuma Nain
– फोटो : अमर उजाला

चंबल के बीहड़ों में करीब 25 साल तक दहशत फैलाने वाली कुसुमा नाइन ने 1984 में औरैया के मई अस्ता गांव में 12 मल्लाहों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी थी। कुसुमा ने इसे फूलनदेवी के बेहमई कांड का प्रतिशोध बताया था। 

1964 में जालौन के टिकरी गांव में पैदा हुई कुसुमा नाइन को माधव मल्लाह से प्रेम हो गया था। वह उसके साथ चली भी गई थी। इसका पिता ने विरोध किया था और दिल्ली पुलिस से पकड़वा लिया था। इसके बाद उसकी दूसरी जगह शादी कर दी थी। 

 




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डकैत गिरोह (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

माधव मल्लाह डकैत विक्रम मल्लाह का परिचित था। शादी के कुछ समय बाद ही डकैत विक्रम मल्लाह डकैत नाइन को उसकी ससुराल से उठा लाया था। कुछ समय बाद फूलन देवी से अनबन के बाद डकैत राम आसरे तिवारी उर्फ फक्कड़ गैंग में शामिल हो गई थी। 


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शव आने के बाद कुरैली गांव में लगी भीड़
– फोटो : अमर उजाला

1982 में फूलन ने किया था आत्मसमर्पण

1980 से उसने गैंग में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। 14 मई 1981 को डकैत फूलन ने 22 ठाकुरों को गोली मार दी थी। इस कांड के बाद डाकू फक्कड़ और उसकी माशूका बन चुकी कुसुमा अपनी दहशत बढ़ाने के लिए बेताब थे। इस बीच 1982 में फूलन ने आत्मसमर्पण कर दिया। 


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कुरैली गांव में बैठी महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला

इसके बाद फक्कड़ और कुसुमा ने साल 1984 में औरैया के मई अस्ता गांव में पहुंचकर 12 मल्लाहों को लाइन से खड़ा कर गोली मार दी थी। इतना ही नहीं उनके घरों को आग लगा दी थी।


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कुसुमा के पति केदार के साथ खड़े दूसरी पत्नी कुंती के पुत्र
– फोटो : अमर उजाला

इससे उसका आतंक बढ़ गया था। कुसुमा इतनी क्रूर थी कि वह जिनका अपहरण करती उनके बदन पर चूल्हे की जलती हुई लकड़ी लगा देती थी। जंजीरों से बांध कर हंटर से मारती थी।




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