
अस्पताल कर्मचारियों ने सीएमएस व अन्य अधिकारियों को आग की सूचना दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। फायर ब्रिगेड के पहुंचते आग अन्य वार्डों में भी फैल गई। हर तरफ चीख पुकार मच गई। डॉक्टर, नर्स, अस्पताल कर्मी व तीमारदारों जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।
आईसीयू और फीमेल वार्ड से पहले मरीजों को निकाला गया। इसके बाद अन्य मरीज निकाले गए। अस्पताल में फंसे करीब 250 से अधिक मरीजों को किसी तरह निकाला गया। देखते ही देखते आग पूरे परिसर में फैल गई। देर रात तक रेस्क्यू जारी रहा।
हर तरफ धुआं, फिर छा गया अंधेरा
आग की लपटें इतनी तेज थी कि चारों तरफ धुआं भर गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने परिसर की बिजली कटवा दी। इससे हर तरफ अंधेरा फैल गया। इसकी वजह से अंधेरे में लोगों को मरीजों को बाहर निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हर तरफ चीख पुकार मची थी।
मेरे पापा को बचाओ, वो फंस गए हैं
बार तरफ धुआं और अंधेरा होने के कारण कई मरीज वार्ड में फंस गए। कोई अपने पापा को बचाने की गुहार लगा रहा था तो कोई महिला पति को निकालने के लिए मदद मांग रही थी। स्थानीय पुलिस ने किसी तरह टार्च और मोबाइल फोन की रोशनी से अस्पताल में फंसे मरीजों को बाहर निकाला।