Fluoride Crisis in  Sonbhadra painful story of people falling ill after drinking fluoride-contaminated water

फ्लोराइड पीड़ित लोग
– फोटो : अमर उजाला

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UP News In HIndi: सोनभद्र जिले के 276 गांवों की आबादी फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिए मजबूर है। तमाम शिकायतों के बावजूद समस्या का समाधान न होने से ग्रामीण नाउम्मीद हो चुके हैं। उनका कहना है कि कोई सिर्फ पीने लायक पानी दिला दे ताकि हम और हमारी पीढ़ियां जिंदा रह सकें। फ्लोराइड धीमा जहर है। जन्म के पांच-सात साल बाद पहले बच्चे के दांत खराब होने लगते हैं। फिर रीढ़ की हड्डी। फिर पैर और फिर सारा शरीर। 

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पीड़ितों को हो रही ये परेशानी

ग्राम पंचायत कचनरवा की धांगर बस्ती की 55 वर्षीय रजमतिया की कमर पूरी तरह झुक चुकी है। उन्होंने बताया कि पहले वो स्वस्थ थीं। फिर बच्चों के जन्म के बाद रीढ़ की हड्डी और पैरों में समस्या शुरू हो गई। इलाज के नाम पर कुछ नहीं है, सिर्फ दर्द की दवा खाती हूं। उन्हीं के पड़ोस में रहने वाली 35 वर्षीय कुलवंती की कमर करीब 10 साल से झुकी हुई है।कहती हैं कि जब शादी होकर आई थी, तब एकदम ठीक थीं, लेकिन यहां का पानी पीने से वो ऐसी हो गई हैं।

ये लोग भी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर

मुख्यालय से 65 किमी दूर हरदी पहाड़ के पास बसे गांव पड़रक्ष पटेलनगर के लोग भी यही पानी पीने के लिए मजबूर हैं। यहां के शिक्षक राम आधार पटेल कहते हैं, करीब 500 मकानों की बस्ती में 90 प्रतिशत लोग फ्लोरोसिस की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट जरूर लगाए गए थे, मगर देखरेख के अभाव में ज्यादातर प्लांट खराव पड़े हैं।



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