
संकटमोचन मंदिर शहर के दक्षिणी काशी लंका क्षेत्र में है। हनुमान जी का दिव्य विग्रह है। यह मूर्ति तुलसीदास के तप और पुण्य से प्रकट हुई स्वयंभू मूर्ति है। इसमें हनुमान जी दक्षिण भुजा से भक्तों को अभयदान कर रहे हैं। वाम भुजा उनके हृदय पर स्थित है। हनुमान जी के नेत्रों से भक्तों पर अनवरत कृपा बरसती है। शुरू में यह स्थान मढ़ी के रूप में था।

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बाल हनुमान
– फोटो : अमर उजाला
बाल हनुमान
शहर के उत्तर में हनुमान जी का बाल विग्रह हनुमान फाटक पर स्थित है। तुलसीदास ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने कुछ वर्षों तक यहां रहकर श्रीरामचरित मानस के कुछ कांडों की रचना भी की थी।

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बालरूप हनुमान
– फोटो : अमर उजाला
बालरूप हनुमान
तुलसीघाट पर ही बालरूप में हनुमान जी हैं, जो गुफा वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध हैं। दक्षिणामुखी होने से यह अधिक प्रतापी माने गए हैं। मंदिर क्षेत्र में हनुमान जी के और भी विग्रह हैं।

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गुफा वाले हनुमानजी
– फोटो : अमर उजाला
गुफा वाले हनुमानजी
गंगा किनार तुलसीघाट पर तुलसी मंदिर स्थित है। यह गोस्वामी तुलसीदास की साधना स्थली है। गोस्वामी जी की चरण पादुका, नाव और मानस की पांडुलिपियां आदि मौजूद हैं। यह तपोभवन चार सौ साल से अधिक प्राचीन है।

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कोढ़िया हनुमान
– फोटो : अमर उजाला
कोढ़िया हनुमान
कर्णघंटा क्षेत्र में चार सौ साल पूर्व वेदव्यास मठ था। इसी मठ में कुष्ट व्यास या कोढ़िया हनुमान जी की मूर्ति है। माना जाता है कि यहीं पर हनुमान जी कुष्ट रोगी के भेष में कथा श्रवण करने आए थे।