हाथरस शहर की महायोजना 2031 के नक्शे को शासन ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही शहर के निकट ट्रांसपोर्ट नगर बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। अगर ट्रांसपोर्ट नगर बन जाता है तो शहर के ट्रांसपोर्टरों के सामने वाहनों को खड़ा करने की समस्या दूर हो जाएगी। जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
महायोजना 2031 के नक्शे में मथुरा रोड और अलीगढ़ रोड पर कुल 51.20 हेक्टेयर भूमि इसके लिए प्रस्तावित है। दोनों जगह पर दो ट्रांसपोर्ट नगर अब जल्द ही बनाए जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से शहर के व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को बड़ी सुविधा मिल जाएगी। शहर की सड़कों के फुटपाथ पर वाहनों की पार्किंग नहीं होगी। आम लोगों को फुटपाथों पर चलने की पर्याप्त जगह मिल सकेगी। फुटपाथ खाली होने से जाम की समस्या में भी कमी आएगी।
हम तो लंबे समय से शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं था। महायोजना 2031 का नक्शा स्वीकृत होने के बाद अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि जल्द ही जिले में पार्किंग स्थल का सृजन किया जाएगा।-अरुण जैन, वरिष्ठ ट्रांसपोर्टर।
ट्रांसपोर्ट नगर बनने से बड़ी राहत मिलेगी। बेहतर यह है कि नक्शे के अनुसार महायोजना-2031 को जल्द लागू किया जाए। कई निर्माण कार्य ऐसे हैं, जो बिना महायोजना के नहीं हो पा रहे थे। नक्शा मंजूरी के बाद इसमें प्रस्तावित निर्माण कार्य हो पाएंगे।-राहुल वार्ष्णेय, कारोबारी।
इस समय माल की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए सुबह व रात का इंतजार करना पड़ता है। ट्रांसपोर्टरों को इससे बहुत असुविधा होती है। अब अगर ट्रांसपोर्ट नगर बन जाता है तो यह समस्या दूर हो जाएगी। माल का आवागमन भी सुगम होगा।-गिर्राज वर्मा, हैंडीक्राफ्ट कारोबारी।
ट्रांसपोर्टर शहर के बाहर बाईपास पर जगह तलाश कर रहे हैं। छोटे ट्रांसपोर्टर के पास यह विकल्प नहीं है। ट्रांसपोर्ट नगर बनने का रास्ता साफ हो रहा है तो इससे काफी राहत मिलेगी। सभी ट्रांसपोर्टरों को कारोबार करने की अब जगह मिल जाएगी।-शीलेंद्र गौतम, ट्रांसपोर्टर।
महायोजना 2031 के नक्शे को शासन से स्वीकृति मिल गई है। अब जल्द ही इसके अनुरूप विकास योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।-नीरज शर्मा, एसडीएम सदर-नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र
एक नजर इन आंकड़ों पर
-580 ट्रक 12 टन या उससे अधिक के लिए पंजीकृत।
-230 क्रेन, जेसीबी के पंजीयन।
-6620 मेटाडोर और लोडर वाहन।