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ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर सहित नगर के मंदिरों में 40 दिन होली का उल्लास छाएगा। बसंत पंचमी पर्व तीन फरवरी से ठाकुरजी भक्तों के साथ होली खेलेंगे। जहां सेवायत गोस्वामी आराध्य को गुलाल सेवित करेंगे। उनके कपोलों पर गुलाल लगाएंगे। वहीं आरती के बाद श्रद्धालुओं पर गुलाल बरसाया जाएगा। राधावल्लभ मंदिर में होली के पदों का गायन किया जाएगा। गोस्वामियों द्वारा तैयारियां की जाने लगी हैं।
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देश-दुनिया में जहां दो दिन होली का पर्व मनाया जाता है। वहीं ब्रज के मंदिरों में होली 40 दिन मनाई जाएगी। बसंत पंचमी 3 फरवरी से होली की शुरुआत हो जाएगी जो कि 14 मार्च तक पूर्णिमा तक लगभग 40 दिन होली मनाई जाएगी। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत अशोक गोस्वामी ने बताया कि बांकेबिहारी मंदिर में बसंत पंचमी से होली की शुरुआत हो जाएगी।
इस दिन सेवायत गोस्वामी द्वारा आराध्य बांकेबिहारी के कपोलों और ठोड़ी पर गुलाल का शृंगार किया जाएगा। ठाकुरजी को गुलाल सेवित किए जाने के बाद सुबह शृंगार आरती, राजभोग आरती और शाम को शयन आरती के बाद श्रद्धालुओं पर ठाकुरजी पर चांदी के थालों में सेवित किया गया प्रसादी गुलाल बरसाया जाएगा।
मंदिर में गुलाल की होली बसंत पंचमी से दस मार्च रंगभरनी एकादशी तक होगी। रंगभरनी एकादशी पर से पूर्णिमा तक ठाकुरजी रंग, गुलाल, केसर, चोबा इत्र, अर्गजा और गुलाल जल से होली खेलेंगे।
ठाकुर राधावल्लभ मंदिर में बसंत पंचमी पर बसंती रंग के पुष्पों और कपड़ों से मंदिर को सजाया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक अशोक गौतम ने बताया कि ठाकुरजी को भी बसंती रंग की पोशाक धारण कराई जाएगी। सुबह शृंगार आरती के बाद शाम को संध्या आरती के बाद भक्तों पर गुलाल बरसाया जाएगा। वहीं मंदिर में समाजियों द्वारा होली के पदों का गायन सुबह और शाम किया जाएगा। यह होली की परंपरा पूरे चालीस दिन तक गोस्वामी समाज द्वारा निर्वाह की जाती है।