उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है। उरई में हुए हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। एक झपकी काल बन गई। दरअसल, झांसी-कानपुर हाईवे पर हुए हादसे में जान गंवाने वाले डॉ. बृजेश ने ही बंगलुरू तक करीब 2000 किमी का सफर कार से तय करने का प्लान बनाया था। सड़क हादसे में बचे उनके साढू अंकित ने पुलिस को बताया कि बृजेश को बंगलुरू लौटना था।
उन्होंने अंकित और उसके परिवार को भी बंगलुरू घूम लेने और फिर कुछ दिन बाद लौट आने की बात कह कर साथ चलने के लिए राजी कर लिया था। इस पर अंकित अपनी पत्नी संगीता, बेटी सिद्धिका, साली विनीता को लेकर बृजेश के परिवार के साथ रवाना हुए थे।
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orai road accident
– फोटो : amar ujala
अंकित के अनुसार, सभी लोग मंगलवार की रात 11 बजे ब्रीजा कार से निकले थे। कार को बृजेश चला रहे थे, जबकि आगे अंकित बैठे थे। मानवी और कान्हा पीछे की सीट पर अपनी मां और मौसियों के साथ बैठे थे। एट थाना क्षेत्र के गिरथान के पास कार पहुंचते ही बृजेश को झपकी लगने से हादसा हो गया। अंकित के अनुसार, कार में फंसे होने के कारण वह बाहर नहीं निकल पा रहे थे। वो बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे।
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कुछ देर बाद पुलिस ने कटर से काटकर सभी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंकित और कान्हा का कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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मां की गोद में ही सोती रह गई मासूम
बृजेश के कहने पर साढू अंकित अपनी पत्नी संगीता व तीन माह की बेटी सिद्धिका को लेकर बंगलुरू जाने के लिए तैयार हो गया। अंकित के अनुसार, प्लान मुताबिक बृजेश को झांसी तक कार चलानी थी और उसके बाद अंकित कार चलाता। पीछे की सीट पर अंकित की पत्नी संगीता अपनी दूधमुंही बच्ची को गोद में लेकर बैठी थी। पलक झपकते ही हुए हादसे में मासूम की अपनी मां की गोद में ही जान चली गई। संगीता ने भी हादसे में जान गंवा दी।
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जीजा-दीदी इस बार हम भी चलेंगे
डॉ. बृजेश की दो सालियां थीं। इनमें संगीता का विवाह अंकित से हुआ था, जबकि विनीता उर्फ मंदा अविवाहित थी। बृजेश पत्नी और बच्चों को साथ लेकर कुछ दिन पहले ही लौटे थे। मंगलवार को जाने की बात हुई तो विनीता ने भी साथ चलने की जिद की।