फोटो संख्या-17- बृजलाल खाबरी। संवाद
फोटो संख्या-18- भानुप्रताप वर्मा। संवाद
फोटो संख्या-19- विनोद चतुर्वेदी, विधायक कालपी। संवाद
फोटो संख्या-20- मूलचंद निरंजन, विधायक माधौगढ़। संवाद
फोटो संख्या-21- दीपराज गुर्जर, जिलाध्यक्ष सपा। संवाद
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खाबरी, केंद्रीय राज्य मंत्री पर रहेंगी निगाहें
कालपी में सपा विधायक, माधौगढ़ भाजपा विधायक का भी तय होगा कद
संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। निकाय चुनाव की बिसात पर परिणाम तय करेगा कि कौन वजीर साबित होगा और किसका मोहरा मात खा जाएगा। चुनाव परिणाम कई नेताओं का कद भी तय करेंगे। जिले के दो दिग्गज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा पर भी लोगों की निगाहें रहेंगी। दोनों नेता कोंच क्षेत्र से आते हैं। दोनों इस चुनाव में कितनी गहरी छाप छोड़ पाएंगे यह काबिले गौर होगा। इसके अलावा चुनाव परिणाम कालपी में सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी और माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन के लिए भी तय करेंगे कि उनकी क्षेत्र में कितनी पकड़ है। इसके अलावा सपा से हाल ही में नियुक्त किए गए जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
जिले में निकाय चुनाव पहले चरण में है, यहां चार मई को मतदान होना है। जिले में चुनाव प्रचार पूरी तरह से जोर पकड़ चुका है। सभी पार्टियों ने अपने दिग्गजों को पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी वैतरणी पार कराने के लिए मैदान में उतार दिया है। निकाय चुनाव के ठीक बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सरंजाम जुटना शुरू हो जाएगा। इस चुनाव का परिणाम कई लोगों के लिए समीकरण ठीक भी कर सकता और कई का बिगाड़ भी सकता है। इसलिए सभी नेताओं ने चुनाव परिणाम अनुकूल करने के लिए अपनी कमर कस ली है।
दिग्गजों के लिए सबसे रोचक मुकाबला कोंच में होने जा रहा है। इस बार कोंच में सीट को सामान्य रखा गया है। यहां पर कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है। भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता कोंच क्षेत्र से ही आते हैं, इसमें केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा भी शामिल हैं। भाजपा इस सीट पर लगभग हर बार मात खा जाती है। भाजपा को कोंच में अध्यक्ष की सीट पर काबिज होने के लिए लंबे समय से इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा ने यहां से अपनी ताकत झोंक रखी है और अभी नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर चुनाव लड़ रही है।
दूसरी तरफ कोंच में पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार सरिता वर्मा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी। इस बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी कोंच क्षेत्र के ही हैं। यहां पर उनकी पत्नी उर्मिला सोनकर ने चुनाव की कमान संभाली हुई है।
दो विधायकों की भी प्रतिष्ठा दांव पर
निकाय चुनाव में दो विधायकों की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। कालपी नगर पालिका में अभी तक सपा को अपनी पहली जीत का इंतजार है। यहां से 2022 विनोद चतुर्वेदी ने सपा के टिकट से विधायकी के चुनाव में जीत दर्ज की थी। उनके यहां से जीतने पर सपा को नगर पालिका में भी जीत की उम्मीदें बढ़ गईं हैं। इस बार कालपी में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। उधर माधौगढ़, ऊमरी और रामपुरा नगर पंचायत में माधौगढ़ क्षेत्र से विधायक मूलचंद निरंजन की भी साख दांव पर लगी है। माना जा रहा है कि इन तीनों नगर पालिका अध्यक्ष के लिए विधायक की सहमति से ही टिकट दिए गए हैं। ऊमरी नगर पंचायत में तो प्रत्याशी के बाहरी होने के आरोप लगाकर कुछ लोगों ने विरोध भी जताया था। एट को पहली बार नगर पंचायत का दर्जा मिला है। यहां पर सदर विधायक की साख दाव पर है।
कई निकायों में बागी बिगाड़ रहे खेल
कई निकायों में पार्टी के बागी खेल बिगाड़ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक बागी तो सत्ताधारी दल के हैं। कालपी में हर दल के बागी मैदान में हैं। यहां से बसपा के एनुल हसन मंसूरी उवैशी की पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा से वैभव विश्नोई और भाजपा से सभासद रहे बृजेंद्र सिंह के पिता बलवीर सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। कालपी से ही सपा से हाजी अजमत खान सर्वजन पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और सपा से ही बागी अरविंद यादव भी निर्दल मैदान में हैं। कदौरा नगर पंचायत में भी बागियों की फेहरिस्त लंबी है। यहां भाजपा के तीन बागी चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। सपा से भी बागी होकर दो प्रत्याशी मैदान में उतर गए हैं और एक बागी बसपा का भी खम ठोक रहा है। कोटरा और एट में भी भाजपा को एक-एक बागी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बाकी दलों के बागी इन सीटों पर नहीं हैं। जालौन नगर पालिका चुनाव में भाजपा और सपा दोनों को एक-एक बागी चुनौती दे रहे हैं। रामपुरा नगर पंचायत में भाजपा के तीन बागी और सपा से एक बागी चुनाव लड़ रहा है।