यमुना नदी के किनारे बने श्रीकैलाश महादेव मंदिर को संवारने का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। पहले चरण में 4.11 करोड़ रुपये से यमुना किनारे 45 मीटर लंबा घाट व हाइवे पर मुख्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। मंगलवार को दूसरे चरण का भूमि पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। दूसरे चरण में 80 मीटर घाट, भंडार गृह, पाथवे, यमुना दर्शन स्थल, सौर ऊर्जा प्लांट, स्टोन बेंच, नालियों आदि काम 15.26 करोड़ रुपये से कराए जाएंगे।
मंगलवार सुबह विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक दिनेश, कथावाचक संत अतुल कृष्ण महाराज, कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया, मेयर हेमलता दिवाकर, विधायक विजय शिवहरे और मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की मौजूदगी में भूमि पूजन किया गया। कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ प्रचारक दिनेश ने कहा कि कैलाश मंदिर अपने आप में अनूठा है। महर्षि परशुराम और उनके पिता द्वारा स्थापित एक जलहरी में दो शिवलिंग कहीं भी नहीं हैं। ऐसे में मंदिर को उसी पौराणिक महत्व के साथ भव्य और दिव्य बनाया जाए। कथाकार अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि कॉरिडोर के साथ मानसरोवर भी बनाया जाए। कैलाश मंदिर की तरह पूरी दुनिया में कोई दूसरा मंदिर नहीं है।
इस दौरान कैलाश मंदिर महंत निर्मल गिरि, आरएसएस के अशोक कुलश्रेष्ठ, विधायक डॉ. जीएस धर्मेश, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, एडीएम प्रशासन आजाद भगत सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह, संतोष शर्मा, विनीत शर्मा, केशव गोस्वामी, दिलीप गोस्वामी, अभिषेक गोस्वामी, सोमेश गिरि मौजूद रहे।
विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक दिनेश ने भी कहा कि आगरा में यमुना के साथ गंगाजल भी उपलब्ध है। कैलाश मंदिर के पास ही दोनों की मौजूदगी है। ऐसे में कैलाश मंदिर के पास गंगा-यमुना जल का मानसरोवर बनाया जाए, जहां श्रद्धालुओं को इनके संगम का लाभ मिल सके।
मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने मंदिर कॉरिडोर के कामों की समीक्षा की और पदयात्रा मार्ग के निर्माण के लिए वन विभाग से समन्वय को कहा। इसके अलावा बिजली लाइन शिफ्ट करने, पाइप लाइन, आदि के कामों में सभी सरकारी विभागों में कोऑर्डिनेशन के लिए कहा ताकि काम होने के बाद सड़क खोदने की नौबत न आए। मंदिर परिसर में नियमित सफाई, स्वच्छता के निर्देश दिए।