कानपुर में अखिलेश दुबे प्रकरण में सोमवार को डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला के निलंबन के तौर पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। इससे पहले अखिलेश के करीबी रहने के आरोप में इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को निलंबित किया गया था। उस पर पुलिस कार्यालय में स्थित शिकायत प्रकोष्ठ में तैनाती के दौरान भाजपा नेता रवि सतीजा को अखिलेश दुबे के कार्यालय तक पहुंचाने का आरोप लगा था।
हालांकि, अखिलेश के करीबी रहे लखनऊ में तैनात डिप्टी एसपी विकास पांडेय, हरदोई में डिप्टी एसपी संतोष कुमार सिंह, केडीए वीसी के पीए रहे महेंद्र कुमार सोलंकी (वर्तमान बस्ती में तैनात) और कश्यप कांत दुबे पर कार्रवाई होनी बाकी है। सभी पर साकेतनगर के अखिलेश दुबे का दरबारी होने का आरोप है। अखिलेश के करीबी रहे सीओ और केडीए कर्मियों पर आरोप लगने के बाद एसआईटी ने दो बार सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था।

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आशीष द्विवेदी, इंस्पेक्टर
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सौ करोड़ से भी ज्यादा का टर्नओवर
हालांकि इनमें से किसी ने भी एसआईटी के सामने आकर अपना पक्ष नहीं रखा। इन लोगों को डर था कि कहीं अखिलेश दुबे और इंस्पेक्टर सभाजीत की तरह उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार न कर लिया जाए। आरोप थे कि यह सभी लोग सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी अखिलेश दुबे के साथ मिलकर जमीनों का कारोबार कर रहे थे। इतना ही नहीं बाकायदा कंपनी बनाकर अपने परिजनों के नाम पर कारोबार कर रहे थे। एक कंपनी सामने आई है, इसमें सौ करोड़ से भी ज्यादा का टर्नओवर है।

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रवि सतीजा और अखिलेश दुबे
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काली कमाई को एक नंबर में बदलने का प्रयास
इसी आधार पर इन सभी को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एसआईटी में शामिल सूत्रों की मानें तो सीओ संतोष सिंह, विकास पांडेय और ऋषिकांत ने अखिलेश दुबे के साथ मिलकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी खड़ी की है। इस कंपनी में ऋषिकांत की पत्नी प्रभा शुक्ला, सीओ विकास पांडेय का भाई प्रदीप कुमार पांडेय, संतोष सिंह का रिश्तेदार अशोक कुमार सिंह व अखिलेश दुबे के परिजन शामिल हैं। कंपनी कंस्ट्रक्शन से जुड़ा काम करती है। इस कंपनी के माध्यम से अपनी काली कमाई को एक नंबर में बदलने का प्रयास किया जाता था।

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ऋषिकांत शुक्ला, सीओ
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ये है पूरा मामला
अखिलेश दुबे के करीबी सीओ ऋषिकांत शुक्ला 100 करोड़ से अधिक संपत्ति एकत्रित करने के मामले में निलंबित कर दिए गए। उनके खिलाफ विजिलेंस की जांच भी शुरू हो गई है। उन पर कानपुर में तैनाती के दौरान लाेगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे थे। एसआईटी जांच में 12 स्थानों पर 92 करोड़ से अधिक की संपत्ति मिलने की पुष्टि हुई थी। साथ ही तीन अन्य संपत्तियां भी हैं।

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संतोष सिंह, सीओ
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एसआईटी जांच में अकूत संपत्ति की हुई थी पुष्टि
सोमवार को शासन ने प्रमुख सचिव, सतर्कता विभाग को कार्रवाई की है। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने 10 और 15 सितंबर को अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन को पत्र भेजकर जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसी पत्र के आधार पर 18 सितंबर को अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन ने शासन में यह पत्र भेजा था। पुलिस कमिश्नर की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेेख किया गया था कि वर्तमान में मैनपुरी के भौगांव में तैनात ऋषिकांत करीब करीब 10 साल से अधिक कानपुर नगर में तैनात रहे हैं।
